घर-घर राशन योजना को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र को घेरा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि उसकी घर-घर राशन योजना पर केंद्र ने रोक लगा दी है जिसे वापस लिया जाना चाहिए. दिल्ली सरकार का कहना है कि गरीब आदमी को 5 किलो राशन लेने के लिए सुबह लाइन में लगना पड़ता है और उसकी पूरे दिन की दिहाड़ी बर्बाद होती है. लिहाजा दिल्ली सरकार ने स्विगी, अमेजन, जोमैटो की तरह लोगों के घर राशन पहुंचाने का प्लान तैयार किया है.
AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में घर-घर राशन योजना की 25 मार्च को होने वाली शुरुआत से पहले ही केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी भेजी है. केंद्र सरकार कह रही है कि इस योजना को बंद कर दीजिए.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हर महीने परिवार के सदस्यों की संख्या के हिसाब से राशन मिलता है. इस सिस्टम के अंदर बुहत सी कमियां हैं. गरीबों को राशन ऐसे दिया जाता, जैसे भीख दी जा रही हो. गरीब आदमी को 5 किलो राशन लेने के लिए सुबह लाइन में लगना पड़ता है और उसकी पूरे दिन की दिहाड़ी बर्बाद होती है.
उन्होंने कहा कि घर-घर राशन योजना पर दिल्ली सरकार 3-4 सालों से काम कर रही थी, ताकि राशन लोगों को पैक करके घर पर पहुंचाया जाए. केंद्र सरकार से अपील है कि जनता विरोधी इस फरमान को तुरंत वापस लिया जाए. घर-घर राशन योजना गरीबों के हक में है. दिल्ली सरकार स्विगी, अमेजन, जोमैटो की तरह लोगों के घर राशन पहुंचाना चाह रही है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का इसको लेकर पुराना तजुर्बा है. सीमापुरी के उन्होंने कई साल गरीबों की बस्ती के अंदर काम किया है. इसकी वजह से यह बात समझते थे कि राशन बांटने वाले डीलर का कमीशन इतना कम है कि उसके पास इमानदारी से राशन बांटने की गुंजाइश नहीं है. 1 किलो राशन बांटने पर 35 पैसे का डीलर को कमीशन मिलता था. जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो उन डीलरों का कमीशन 35 पैसे से बढ़ाकार 2 रुपये किया. यह पूरे भारत में सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद शिकायतें आ रही थीं.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार इसे लेकर पिछले 3-4 सालों से काम कर रही थी कि जब राशन सरकार को लोगों को देना है, तो क्यों न यह राशन पैक करके दिया जाए. सरकार के यहां राशन पैक हो जाए और घर पर डिलिवर कर दिया जाए ताकि हर परिवार को उसके हक का राशन इज्जत के साथ उसके घर पर मिल सके. इस योजना की शुरुआत में एक सप्ताह भी नहीं बचा. लेकिन केंद्र सरकार अभ कह रही है कि इस स्कीम को आप बंद कर दीजिए. यह काफी हैरानी की बात है कि गरीब आदमी को घर बैठे राशन पहुंचाने में केंद्र सरकार को क्यों आपत्ति है?
Central Govt stops doorstep delivery of ration scheme (Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana) of Delhi Govt, scheduled to be launched on 25th March. Centre said that they provide ration to states under the National Food Security Act so no changes should be made to it: Delhi Govt
— ANI (@ANI) March 19, 2021
क्या केंद्र का रुख
सूत्रों के मुताबिक नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत केंद्र सरकार अनाज मुहैया करती है. इसे कोई भी राज्य सरकार किसी अन्य नाम से लागू नहीं कर सकती है. अगर नाम में बदलाव करना है तो उसे संसद से किया जा सकता है. इस तरह अगर कोई राज्य सरकार संसद से पास योजना के नाम में बदलाव करती है तो लोगों में भी कन्फ्यूजन होगा.