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गाम्बिया कफ सिरप मामले पर केंद्र सरकार सख्त, जांच के लिए गठित की कमेटी

गाम्बिया में अचानक 66 बच्चों की मौत से दुनियाभर में हड़कंप मच गया. इंटरनेशनल बॉडी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत की कंपनियों की 4 कफ सिरप को जानलेवा घोषित कर दिया. इसके बाद हरियाणा से लेकर भारत की केंद्र सरकार तक सभी एक्शन में आ गए. राज्य सरकार ने कंपनी का प्रोडक्शन बंद करा दिया तो वहीं केंद्र ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के मामले से भारतीय सिरप कंपनी का नाम जुड़ने के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. केंद्र ने इस मसले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है.

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स्टेंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. मामले की जांच के बाद एक्सपर्ट कमेटी ब्योरा पेश करेगी. फिलहाल, जांच के लिए गए कफ सिरप के सैंपल की जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है. 

सूत्रों के मुताबिक जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, कंपनी का प्रोडक्शन बंद रहेगा. जब मंत्रालय से पूछा गया कि अगर कंपनी के 4 सैंपल फेल होते हैं तो पूरे बैच को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है? इस पर जवाब दिया गया कि संयुक्त निरीक्षण किया जा रहा है. अब सबकी निगाहें लैब की रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं.

बता दें कि 1, 3, 6 और 11 अक्टूबर को उस जगह का निरीक्षण किया गया, जहां इस सिरप का प्रोडक्शन किया जा रहा था. इस दौरान उस बैच की दवाओं के नमूने कलेक्ट कर चंडीगढ़ लैब भेजे गए.

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कफ सिरप बनाने वाली हरियाणा की कंपनी Maiden Pharma के प्रोडक्शन पर हरियाणा सरकार रोक लगा चुकी है. हरियाणा स्टेट ड्रग अथॉरिटी को सोनीपत में स्थित Maiden Pharma कंपनी के कामकाज में कई गड़बड़ियां मिली थीं. इसके बाद हरियाणा सरकार ने यह कदम उठाया था.

इससे पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भारत की कंपनियों की 4 कफ सिरप को जानलेवा घोषित कर दिया था. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल कंपनी पहुंची थी. अधिकारियों को जांच के दौरान अधिकारियों को सोनीपत स्थित कंपनी में 12 गड़बड़ियां मिली हैं.

बताया जा रहा है कि सिरप के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले रॉ मटेरियल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की जा रही थी. हरियाणा स्टेट ड्रग अथॉरिटी ने कंपनी को 7 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है. इसमें पूछा गया है कि उनका लाइसेंस क्यों न निरस्त किया जाए?

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