दिल्ली सरकार के 14 बिलों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लौटा दिया है. मंत्रालय ने इन बिल को केजरीवाल सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है. लौटाए गए बिलों में दिल्ली सरकार का जनलोकपाल बिल भी है.
मंत्रालय ने बिल को बताया दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर
खबरों की मानें तो गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को ये कहते हुए सभी बिल लौटा दिए कि ये उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और बिल को तैयार करने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. मंत्रालय ने इन सभी बिलों पर LG नजीब जंग की राय मांगी है. जंग की राय देने के बाद इस पर केंद्र सरकार कोई फैसला लेगा.
दिल्ली सरकार को प्रक्रिया का पालन करने की सलाह
केजरीवाल सरकार के इन बिलों आपत्ति जताते हुए कहा कि गृह मंत्रालय ने कहा कि बिना LG और गृह मंत्रालय की राय के बगैर इस बिल को पास करना नामुमकिन है. इसके साथ मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार को प्रक्रिया का पालन करने की सलाह दी.
जनलोकपाल बिल सबसे अहम
इन 14 बिलों में सबसे अहम जनलोकपाल बिल है. इसके अलावे दिल्ली वैट संशोधन बिल, दिल्ली स्कूल से संबंधित बिल, दिल्ली स्कूल शिक्षा संशोधन बिल,
न्यूनतम मजदूरी संशोधन बिल और 6 बिल दिल्ली के विधायकों, मंत्रियों और स्पीकर की सैलरी से संबंधित हैं.
मोदी जी से फिर से हाथ जोड़ कर निवेदन है - थोडा बड़ा दिल कीजिये, दिल्ली की हार को भुला दीजिये और इस तरह से दिल्ली के लोगों से बदला मत लीजिये।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 24, 2016
केजरीवाल का पलटवार
वहीं केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए एक बार फिर केंद्र सरकार तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बेवजह टांग अड़ा ही है. क्योंकि प्रक्रिया के तहत के सभी बिल गृह मंत्रालय को भेजा गया है. केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी खुद काम नहीं कर रहे हैं और दूसरों को भी नहीं करने दे रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र दिल्ली सरकार का हेडमास्टर है?