आम आदमी पार्टी ने शनिवार को केन्द्र सरकार पर पीछे के दरवाजे से बदलावों के जरिए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को कथित रूप से हल्का करने के लिए हमला बोला.
'आप' ने इस मामले में बीजेपी को उसका रूख बदल लेने के कारण भी आड़े हाथ लिया. उसने कहा कि बीजेपी ने जिन प्रावधानों को हल्का किया है पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा यह विधेयक संसद में लाए जाने के समय पार्टी ने उनका समर्थन किया था.
आप नेता योगेन्द्र यादव ने कहा, 'सरकार 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में पिछले दरवाजे से बदलाव लाकर इसे हल्का करने का प्रयास कर रही है, जिससे देश के हजारों किसानों पर प्रभाव पड़ेगा. यह कानून देश के किसानों के लंबे संघर्ष की देन है.'
उन्होंने दावा किया, 'सरकार में राजनाथ सिंह एवं सुषमा स्वराज जैसे मंत्रियों ने वास्तव में इन्हीं उपबंधों का समर्थन किया था जैसा कि सहमति का प्रावधान एवं सामाजिक प्रभाव आकलन. सरकार अब रूख बदलते हुए इन प्रावधानों को हल्का करना चाहती है.' यादव ने घोषणा की कि पार्टी छतरपुर में कल निर्धारित दिल्ली वार्ता श्रृंखला के पांचवें चरण में इस मुद्दे पर एक रैली करेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘आप’ इस पहल के जरिए ग्रामीण वोटों को हासिल करने का प्रयास कर रही है, यादव ने कहा कि पार्टी किसानों की समस्याओं को आगे ला रही है.
(इनपुट भाषा से)