डीडीसीए में घोटाले की जांच कमेटी के चेयरमैन चेतन सांघी ने बड़ा आरोप लगाया है. आईएएस सांघी ने गृह सचिव राजीव महर्षि को लिखी चिट्ठी में कहा कि उन पर जांच में एक वीआईपी को फंसाने का दबाव बनाया जा रहा था.
दिल्ली सरकार के विजिलेंस चीफ पद पर कार्यरत सांघी ने सोमवार को बताया कि दिल्ली सरकार को डीडीसीए घोटाले की जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद ही उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की ओर से दो एफआईआर दर्ज कर ली गई. उन पर लगातार एक वीआईपी को फंसाने का दवाब बनाया जा रहा था.
DDCA को सस्पेंड करने का सुझाव
सूत्रों के मुताबिक, सांघी की ओर से पेश की गई जांच रिपोर्ट में किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया. जांच के बाद तीन सदस्यीय टीम ने 237 पेजों की रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी थी. इस टीम की अगुवाई विजिलेंस डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव चेतन सांघी कर रहे थे. उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि डीडीसीए में बड़े स्तर की गड़बड़ी चल रही है और बीसीसीआई को इसे तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए.
जांच रिपोर्ट में टीम में कहीं भी वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम का जिक्र नहीं किया. हालांकि रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन और आयु सीमा के सर्टिफिकेट देने में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है.
दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई को भी निशाने पर लिया और डीडीसीए की गतिविधियों को नजर अंदाज करने की बात सामने लाई. रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने का सुझाव दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लेकर अपील करे.
जेटली के खिलाफ पहले भी नहीं मिले सबूत
बता दें कि 1999 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली पर विपक्ष ने घोटाले के आरोप लगाए हैं. हालांकि जेटली ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. यूपीए सरकार के दौरान भी इस मामले में सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) की ओर से की गई जांच में भी जेटली के खिलाफ कुछ नहीं सामने आया.