राजधानी की सड़कों पर प्राइवेट गाड़ियों को कम करने के लिए बढ़ाए गए पार्किंग शुल्क को लेकर स्थिति साफ नहीं है. पार्किंग दरों को बढ़ाने का फैसला वापस लेने के बावजूद कहीं पार्किंग के लिए अतिरिक्त शुल्क अब भी लिया जा रहा है तो कहीं पुरानी दरों पर ही पार्किंग हो रही है. चार गुना बढ़े पार्किंग शुल्क का असर आम लोगों के साथ-साथ MCD और लोकल कॉन्ट्रेक्टर पर भी हुआ है. दरअसल, बढ़ी दरों के कारण गाड़ियों की पार्किंग कम हो गई है, जिससे एमसीडी और लोकल कॉन्ट्रैक्टर की आमदनी पर भी इसका सीधा असर हुआ है. इन सब के बीच बढ़ा हुआ शुल्क लेना है या नहीं, इसको लेकर भी भ्रम है. कई जगहों पर तो सरफेस पार्किंग आम जनता के लिए पूरी तरह बंद कर दी गई है.
बंद पार्किंग ने बढ़ाई परेशानियां
चार गुना बढ़े पार्किंग दरों पर पहले से ही परेशान आम लोगों की दिक्कतें अब और भी बढ़ गई हैं. कई जगहों पर आम लोगों के लिए पार्किंग पूरी तरह बंद कर दी गई है. लिहाजा, सरोजनी नगर, लाजपत नगर, करोल बाग जैसे बड़े बाजार में लोग सड़कों पर पार्किंग करने को मजबूर हैं. इससे आवा-जाही में परेशानी हो रही है. सरोजनी नगर का हाल और भी बुरा है. यहां पार्किंग की परेशानी पहले से ही थी. ऐसे में पार्किंग नियमों में आए बदलाव के कारण ग्राहकों का यहां आना कम हो गया है. दुकानदारों की बिक्री में तेज गिरावट आई है. वहीं पार्किंग का शुल्क प्रति घंटे 80 रुपये होने के कारण कानॉट प्लेस में भी लोगों को खासा परेशानी हो रही है.
4 गुना पार्किंग रेट्स के बावजूद पार्किंग ठेकेदारों और एमसीडी को घाटा हो रहा है. पहले जहां 400-500 पर्चियां कटती थीं, अब 100 से 150 हो गई हैं. दिल्ली गेट पर भी ठेकेदार दुखी हैं. ठेकेदारों के अनुसार पहले से कमाई आधी हो गई है, क्या करें बाहर तक लम्बी लाइन लगी रहती थी, अब देखिए सन्नाटा पसरा है. अस्पताल में काम के चलते मुखर्जी नगर से दिल्ली गेट आए अनिल मिश्रा का कहना है कि दो पहिया वाहन के 40 रुपये लग रहे है. मुझे 2 से 3 घंटे का काम है तो मुझे 80 रुपये देने होंगे. इससे अच्छा था कि मैं बस से आ जाता, सिर्फ 10 रुपये लगते.
बढ़े हुए पार्किंग शुल्क वापस लेने के बावजूद
बुधवार को बढ़े हुए पार्किंग शुल्क को वापस लेने का फैसला किया गया है. पर आदेश आने तक अभी बढ़े हुए रेट ही वसूले जा रहे हैं. ज्यादातर लोगों की नाराजगी का कारण ही यही है कि कोई भी फैसला लेने से पहले तैयारी नहीं की गई. जब शुल्क बढ़े थे, तब भी नहीं बताया गया और अब कम हो रहे हैं तो भी जानकारी नहीं है. कुल मिलाकर 4 गुना ज्यादा पार्किंग शुल्क से प्रदूषण को रोकने में कितनी मदद मिली है ये तो जांच का विषय है, पर लोगों के घरों का बजट पूरी तरह हिल गया है. खासतौर पर मध्यम वर्गीय परिवार, जिनके लिए बढ़ती महंगाई में एक-एक रुपये कीमती है.