छठ पर्व के दौरान राजधानी दिल्ली में प्रदूषित यमुना पर राजनीति तेज हो गई है. सोमवार को दिल्ली सरकार की तरफ से यमुना में केमिकल से बने झागों के लिए यूपी और हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसपर अब यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पलटवार किया है.
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि छठ पूजा आ गई है लेकिन अरविंद केजरीवाल यूपी सरकार को दोष दे रहे हैं. कृपया उत्तर दें कि ओखला बैराज का प्रदूषण से क्या लेना-देना? AAP सरकार द्वारा यमुना नदी में वजीराबाद में गिरने वाले 18 नालों के लिए कोई STP क्यों नहीं लगाई? सच्चाई से भागना और दूसरों को दोष देना सही नहीं?
छठ पूजा आ गई है लेकिन #ArvindKejiriwal यूपी सरकार को दोष दे रहे हैं। कृपया उत्तर दें 1) ओखला बैराज का प्रदूषण से क्या लेना-देना 2) AAP सरकार द्वारा यमुना नदी में वजीराबाद में गिरने वाले 18 नालों के लिए कोई STP क्यों नहीं लगाई ? सच्चाई से भागना और दूसरों को दोष देना सही नहीं ।
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) November 9, 2021
दिल्ली सरकार ने यूपी-हरियाणा को ठहराया था जिम्मेदार
दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना के प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा का कहना है कि यूपी और हरियाणा की सरकारों को इस बात की परवाह नहीं है कि वे यमुना में गंदा पानी छोड़ रहे हैं. वहीं दिल्ली जल बोर्ड अपनी एसटीपी की क्षमता बढ़ाने पर लगातार काम कर रहा है, ताकि अनुपचारित अपशिष्ट पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाए.
#WATCH Few Chhath devotees stand in toxic foam laden Yamuna river near Delhi's Kalindi Kunj to offer prayers to the Sun god pic.twitter.com/rnzY8D0GQ3
— ANI (@ANI) November 9, 2021
राघव चड्ढा के मुताबिक ओखला बैराज उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के अधीन आता है. उसके ढुलमुल रवैये के कारण चारों तरफ जलकुंभी के पौधे उग आते हैं. यह समझने की जरूरत है कि जब ये जलकुंभी के पौधे सड़ जाते हैं. तब वे फॉस्फेट जैसे सर्फेक्टेंट छोड़ते हैं.
यमुना नदी में कैसे बनते हैं झाग?
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक फास्फेट जैसे सर्फेक्टेंट वाला पानी जब कालिंदी कुंज में ऊंचाई से गिरता है, तो यह झाग पैदा करता है. बड़ी मात्रा में निकलने वाले झाग पानी की सतह पर तैरते हैं. इस झाग को हटाना बेहद मुश्किल होता है.
दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में संचालित कागज और चीनी उद्योग भी सर्फेक्टेंट युक्त गंदे पानी को ओखला बैराज में हिंडन नहर के माध्यम से कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में छोड़ते हैं. इससे झाग बनने लगता है और यमुना में जमा हो जाता है.
बीजेपी के आरोपों पर दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार का कहना है कि उत्तर प्रदेश का गंदा पानी शाहदरा नाले से और हरियाणा का नजफगढ़ नाले के माध्यम से दिल्ली आता है. दोनों राज्यों के गंदे पानी की वजह से ओखला बैराज का पानी अत्यधिक प्रदूषित हो जाता है.