दिल्ली विधानसभा में शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मामला उठाया कि अफसरों की उदासीनता के चलते दिल्ली में जगह-जगह लोग पानी की आपूर्ति और सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान हैं. शनिवार को दिल्ली विधानसभा में इसके समाधान के लिए सदन पटल पर एक संकल्प पत्र रखा गया, जिसे विधानसभा ने ध्वनिमत से पास कर दिया.
15 मार्च को बुलाया विशेष सत्र
विधानसभा ने दिल्ली के मुख्य सचिव को सीवरेज और पानी आपूर्ति की समस्या को एक हफ्ते के अंदर हल करने का निर्देश दिया है. विधानसभा इस बात पर सहमति दिखाई कि अगर 15 मार्च तक सीवरेज और पानी की समस्या का समाधान नहीं होता है तो इसके लिए खुद मुख्य सचिव जिम्मेदार होंगे.
संकल्प पत्र में कहा गया है कि जनता द्वारा पानी आपूर्ति और सीवर ओवरफ्लो को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. इसलिए इन शिकायतों को मुख्य सचिव को खुद देखें. वहीं, इस गंभीर मुद्दे पर 15 मार्च को विधानसभा में एक विशेष सत्र भी बुलाया गया है. मुख्य सचिव को इस विशेष सत्र से पहले पानी और सीवरेज की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया गया है.
'24 घंटे में मिलीं 80 शिकायतें'
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने दिलीप पांडे का समर्थन करते हुए कहा कि सीवर ओवरफ्लो, गंदे पानी की आपूर्ति और पानी की टूटी पाइप लाइनों से संबंधित रोजाना दर्जनों शिकायतें मिल रही हैं. जगह-जगह पानी की पाइपलाइन में लीकेज हो रहा है. इससे पानी का रिसाव होने से सड़कें खराब हो रही हैं, लेकिन उन पाइप लाइनों को ठीक नहीं किया जा रहा है. अगर किसी पाइप लाइन को ठीक भी कर दिया जाता है तो लंबे समय तक वो टिक नहीं पा रही हैं. मेरे ईमेल पर शुक्रवार को 24 घंटे में 80 शिकायतें मिली हैं.
'ऑफिसरों पर कार्रवाई करें चीफ सेक्रेटरी'
इतना ही नहीं, मैंने जल बोर्ड के सीईओ को भी आदेश दिया कि वो हफ्ते में कम से कम दो बार और जल बोर्ड के सदस्य हफ्ते में कम से कम तीन बार इलाके का दौरा कर जांच करेंगे. जिससे उनको जमीनी हकीकत को समझने में मदद मिलेगी. साथ ही इसकी रिपोर्ट भी हर सप्ताह देने के लिए कहा, लेकिन पिछले दो महीने में एक भी बार जल बोर्ड के सीईओ की कोई रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई. चीफ सेक्रेटरी को कहा जाए कि ऐसे अफसरों पर जांच के साथ कार्रवाई हो.
विधानसभा में पेश संकल्प पत्र के अनुसार, सदन के सदस्यों ने सीवर ओवरफ्लो, दूषित जलापूर्ति और पानी के पाइप लाइनों के रिसाव से संबंधित शिकायतों को दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ उक्त बोर्ड के शिकायत पोर्टल 1916 पर भी हर बार साझा किया है. लेकिन लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड ने इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं किया. हालांकि, कुछ समस्याएं अस्थायी रूप से हल हुईं, लेकिन कुछ दिनों बाद दोबारा से शुरू हो गईं. इस वजह से दिल्ली के लोग अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं.
ये हैं संकल्प पत्र के मुख्य बिंदु