आम आदमी पार्टी के विधायक और अक्सर विवादों में रहने वाले अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पटियाला हाउस कोर्ट ने बाल मजदूरी से जुड़े एक मामले में आरोप तय करने के लिए 5 दिसंबर को विधायक को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
यह मामला साल 2010 का है जब डिफेंस कॉलोनी के एसडीएम एक सूचना मिलने के बाद अपनी टीम के साथ 8 से 12 साल के बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए जामिया नगर में छापा डालने गए थे.
उन्हें सूचना मिली थी कि वहां 50 से ऊपर बच्चे जिनकी उम्र 12 साल से कम है, उन्हें जबरन बाल मजदूरी में धकेल कर काम करवाया जा रहा है. टीम ने पाया कि जैसे ही उन्होंने छापा डाला, बच्चों को वहां से तितर-बितर कर दिया गया. हालांकि एसडीएम अपनी टीम के साथ 15 बच्चों को रेस्क्यू कराने में कामयाब रहे. लेकिन यह टीम बच्चों को यहां से छुड़ाकर ले जा पाती उससे पहले ही उन पर हमला करके 15 बच्चों को टीम से जबरन छीन लिया गया.
बच्चों का अपहरण करने के अलावा रेस्क्यू करने आई टीम के साथ मारपीट भी की गई और उन्हें डराया-धमकाया गया. इससे पहले इस मामले में इसी साल मई में निचली अदालत ने अमानतुल्लाह खान को बरी कर दिया था, लेकिन इस आदेश को सेशन कोर्ट में 'बचपन बचाओ आंदोलन' की टीम ने चुनौती दी. 'बचपन बचाओ आंदोलन' की अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान पर आरोप तय करने के लिए बुधवार की तारीख तय की है. कोर्ट ने धारा 109, 363 और 506 (पार्ट-2) में आरोप तय करने का आदेश दिया है.
विधायक अमानतुल्लाह के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वह मारपीट के कई मामलों में सुर्खियों में रह चुके हैं. इसी साल फरवरी में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने के मामले में भी वह मुख्य आरोपी हैं और हाल ही में सिग्नेचर ब्रिज पर मनोज तिवारी के साथ धक्का-मुक्की करने के मामले में भी वह चर्चा में रहे थे.