उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय बच्चा चोर गिरोह को गिरफ्तार किया है. ये लोग एक मां की गोद उजाड़कर अमीर बनने के ख्वाब सजाते थे, लेकिन अब पुलिस की गिरफ्त में हैं. खास बात ये है कि इस गिरोह के तार राजधानी दिल्ली से जुड़े हुए है. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.
दिल्ली के पश्चिम पुरी में रहने वाली तीन शातिर महिलाएं अनीता सुनार, इशरत खातून और राधा माता को फिरोजाबाद पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये हाई प्रोफाइल घरों में नौकरी करती हैं और देखती हैं कि कहां निसंतान दंपति हैं. निसंतान दंपति मिलते ही ये अपना मकड़जाल फैला देती हैं. इसके बाद ये अपने गैंग के सदस्यों से संपर्क कर अबोध बच्चों का अपहरण करती हैं और निसंतान दंपति को लाखों रुपये में बेच देती हैं.
ये महिलाएं इतनी शातिर हैं कि ये अपहरण करके लाए गए बच्चों को अपना बच्चा बताती हैं. यही नहीं इसके लिए ये नकली एफिडेविट तक बनवा लेती हैं और उनके नकली माता-पिता बनकर उन्हें निसंतान अमीर दंपतियों को लाखों रुपये में बेच देती हैं. इस गिरोह में कुलदीप उर्फ हेंडल नाम का एक व्यक्ति भी है, जो बच्चों को अगवा करता है.
कुलदीप का कोई स्थायी निवास नहीं है और फिलहाल वह अस्फाबाद के एक घर में किराये पर रह रहा था. वह यहां रिक्शा चलाने का काम कर रहा था, ताकि उस पर किसी को शक न हो. 15 जुलाई को रात दो बजे जब बच्ची अपनी मां के साथ घर के बाहर सो रही थी तो एक लड़के ने बच्ची का अपहरण कर लिया. पुलिस ने बच्ची की मां के बयान के आधार पर खोजबीन की तो कुलदीप नाम का बच्चा चोर पकड़ में आ गया.
हेंडल उर्फ कुलदीप ने पुलिस को बताया कि 6 महीने की उस बच्ची को उसने दिल्ली में एक लाख रुपये में बेच दिया है. उसकी निशानदेही पर बच्ची को बरामद कर लिया गया है. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी जितेंद्र कुमार और उनकी पत्नी भावना को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
जितेंद्र और भावना का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना है कि इन महिलाओं ने उनसे झूठ बोला था कि ये बच्ची उनकी है. उनका कहना है कि हमारा कोई कसूर नहीं है. इन्होंने एक एफिडेविट दिखाया था, जिसके आधार पर उन्होंने इन्हें एक लाख रुपये देकर बच्ची को लिया था. पुलिस बच्चा चोर गैंग से कड़ी पूछताछ कर रही है, ताकि उनसे पहले किए गए अपराधों की भी जानकारी जुटाई जा सके.