दिल्ली में गिरिजाघरों पर हमलों के बाद बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहे ईसाई समुदाय ने शुक्रवार को भारत में धार्मिक असहिष्णुता पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने हकीकत बयां की है. ईसाई समाज ने कहा कि सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए सक्रियता के साथ कार्रवाई जरूरी है.
दिल्ली कैथलिक आर्चडायोसिस के निदेशक और प्रवक्ता फादर डोमिनिक ने कहा कि धार्मिक असहिष्णुता पर अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान बड़ी बात है और सरकार को इस चुनौती को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने कहा, महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और हमारे लिए यह अच्छी बात है कि दुनिया में कोई भी याद दिलाए कि महात्मा गांधी ने क्या कहा था.
फादर डोमिनिक ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि सभी धर्मों के लोग सौहार्द के साथ रहें. ओबामा ने कल वाशिंगटन में कहा था कि भारत में पिछले कुछ सालों में सभी तरह की धार्मिक आस्थाओं के साथ असहिष्णुता के कृत्य महात्मा गांधी को स्तब्ध कर देते.
चर्चों पर हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए ईसाई समुदाय ने गुरुवार शहर में बड़ा प्रदर्शन किया था. वे बीजेपी सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहे हैं. डोमिनिक ने गुरुवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के बारे में कहा, पुलिस ने जिस नृशंस तरीके से सख्ती बरती वह बहुत स्तब्ध करने वाली है और हम जानना चाहते हैं कि हम लोकतंत्र में हैं या सरकार की तानाशाहीपूर्ण व्यवस्था में. ईसाई समुदाय के एक और नेता जेनिस फ्रांकिस ने कहा कि एक आंतरिक मामले में ओबामा की प्रतिक्रिया आना दुर्भाग्यपूर्ण है.
(इनपुट: भाषा)