25 दिसंबर शनिवार को देशभर में क्रिसमस का त्यौहार जगह-जगह पर मनाया गया. कोरोना की संभवत तीसरी लहर और Omicron के बढ़ते मामलों के कारण इस बार त्योहार की चमक काफी फीकी रही. डीडीएमए के नियमों के अनुसार, इस बार त्यौहार पर किसी भी तरह की सोशल गैदरिंग या फिर क्रिसमस पार्टी का आयोजन नहीं किया गया.
राजधानी के लगभग सभी गिरजाघरों का यही हाल था. दिल्ली के दशकों पुराने Centenary Methodist Church में भी क्रिसमस मनाया गया. यह एक ऐसा चर्च है जहां पर हर साल देशभर से लोग क्रिसमस मनाने आते हैं. लेकिन इस बार क्रिसमस में रौनक फीकी रही. वैसे तो लोगों का आना जाना दिन भर लगा रहा, लेकिन लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई.
दिल्ली के चर्च में हर साल इतनी भीड़ आती थी कि लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती, लेकिन इस बार संख्या इतनी कम थी कि पूरा चर्च लगभग खाली ही रहा. लेकिन फिर भी सुबह से यहां पर प्रेयर्स का सिलसिला जारी रहा.
चर्च में भी सरकार के निर्देश के अनुसार सभी कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए क्रिसमस मनाया गया. दरवाजे पर ही थर्मल स्कैनिंग की गई, सभी को मास्क लगाना अनिवार्य था और साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया.
संभवत तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इस बात को भी सुनिश्चित किया गया कि सभी लोग जो वहां पर प्रार्थना करने आ रहे हैं, वो वैक्सिनेशन के दोनों डोज ले चुके हैं.