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कुमार विश्वास के इल्ज़ाम पर AAP की सफाई, कहा- गलतफहमी से नहीं मिला न्योता

कुमार विश्वास को अरविंद केजरीवाल की इफ़्तार पार्टी में न बुलाये जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने सफाई पेश की है. विश्वास ने बयान के बाद विवाद काफी बढ़ गया था, हालांकि पार्टी नेता इसे महज़ एक ग़लतफ़हमी बता रहे हैं. पार्टी का दावा है कि उर्दू कमिटी के चेयरमैन 'आप' के सभी नेताओं को स्पीड पोस्ट से आमंत्रण भेजा था.

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सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज

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कुमार विश्वास को अरविंद केजरीवाल की इफ़्तार पार्टी में न बुलाये जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने सफाई पेश की है. विश्वास ने बयान के बाद विवाद काफी बढ़ गया था, हालांकि पार्टी नेता इसे महज़ एक ग़लतफ़हमी बता रहे हैं. पार्टी का दावा है कि उर्दू कमिटी के चेयरमैन 'आप' के सभी नेताओं को स्पीड पोस्ट से आमंत्रण भेजा था.

कुमार विश्वास, संजय सिंह और आशुतोष के पास नही पहंचा न्यौता

'आजतक' ने जब सवाल पूछा तो 'आप' प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सिर्फ कुमार विश्वास ही नही, संजय सिंह और आशुतोष के यहां भी न्यौता नही पहुंचा. इसके अंदर बहुत कुछ नही देखा जाए. एक वजह यह भी रही कि स्पीकर साहब के इफ्तार में सभी आ गए थे इसलिए कल नही आ पाए. कई बार ग़लतफ़हमी हो जाती है उनको जब पता चलेगा की सभी नेताओं को स्पीड पोस्ट किया गया तो वो बात मान लेंगे.

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आम आदमी पार्टी के भीतर चल रहे शीत युद्ध पर जब सवाल पूछने पर सौरभ अपने नेताओं का बचाव करते नज़र आए. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर दरार ढूंढने की कोशिश की जा रही है. छोटी मोटी कहासुनी हर पार्टी में रहती है. विजय गोयल और मनोज तिवारी की कहा सुनी सबको पता है. हालांकि सौरभ खुलकर किसी भी सवाल पर जवाब देने से बचते नज़र आए.

अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास आमने सामने

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी का अंदरूनी विवाद ऐसे मोड़ पर आ गया है जहां खुद अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास आमने सामने हैं. अबतक सोशल मीडिया पर चल रहा वार-पलटवार पब्लिक कार्यक्रम तक पहुंच गया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से आयोजित इफ़्तार पार्टी में कुमार विश्वास को न बुलाए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया .

इफ्तार पार्टी में बुलाने का सवाल गैरजरुरी है

दिल्ली में सत्ता संभालने के बाद सीएम केजरीवाल तीसरी बार इफ़्तार पार्टी दे रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि इससे पहले दो बार कुमार विश्वास इफ़्तार पार्टी में आमंत्रित थे लेकिन हाल ही में उठे अंदरूनी विवाद के बीच शुक्रवार को हुई सीएम केजरीवाल की इफ़्तार पार्टी का विश्वास को निमंत्रण तक नही भेजा गया. इफ़्तार पार्टी में न बुलाए जाने की जानकरी देते हुए विश्वास ने कहा- "ये दिल्ली सरकार का विशेष अधिकार है की किसे बुलाया जाए किसे नही. जंतर मंतर में जो आंदोलन शुरू हुआ था वो इसलिए तो नही हुआ था कि दिल्ली सरकार मुझे इफ़्तार में बुलाए या न बुलाये, ये सवाल गैर जरूरी है."

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पार्टी के अंदरूनी विवाद पर जब सवाल पूछा गया तो कुमार ने बड़ी तसल्ली से जवाब देते हुए कहा "पवित्र रमजान के महीने में दिल्ली सरकार अगर इफ्तार का आयोजन कर रही है तो दिल्ली के टैक्स के पैसे हैं. सरकार का ही विशेषाधिकार है कि वो किसे इफ्तार में बुलाये या न बुलाए. पहले 2 साल मुझे बुलाया गया था तो में गया था इस बार नही बुलाया तो नही जा रहा हूँ. जंतर मंतर से शुरू हुई लड़ाई को बहुत से लोग डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश करते रहते हैं. हमें वैकल्पिक राजनीति के लिए चुना गया है नाकि विपक्ष की राजनीति के लिए."

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