मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच 6 लेन के फ्लाईओवर का शिलान्यास किया. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फ्लाईओवर का काम तय समय से पहले और 115 करोड़ रुपए की बचत के साथ पूरा करेंगे. हमने 300 करोड़ रुपए का फ्लाईओवर 1500-2000 करोड़ में बनते देखा है, लेकिन 300 करोड़ का फ्लाईओवर 250 करोड़ में बनते पहली बार देख रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले पूर्वी दिल्ली को विकास से वंचित रखा गया था, लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद से यह सौतेला व्यवहार अब बंद हो गया है. यह फ्लाईओवर रामप्रस्थ, श्रेष्ठ विहार और विवेक विहार रेड लाइट के ऊपर से होकर गुजरेगा. यह काम 15 महीने में पूरा हो जाएगा. हमारा मकसद है कि दिल्ली की सड़कों से ट्रैफिक जाम और प्रदूषण खत्म किया जाए. सड़कों को जाम मुक्त बनाने के लिए 77 प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं, जहां सुबह-शाम जाम लगता है, इसे खत्म करने के लिए अलग-अलग प्लान बना रहे हैं.
PWD विभाग ने बताया कि यह करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा. आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच इंटरसेप्शन होगा, जिसे यह कवर करेगा. इसके बीच में रामप्रस्थ कॉलोनी, श्रेष्ठ विहार और विवेक विहार जाने वाले लोगों के लिए अप और डाउन रैंप भी दिया जाएगा. यह दिल्ली की कॉलोनियों के साथ ही दिल्ली से सटी यूपी की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं पहले कौशांबी में रहता था और रोज इन्हीं सड़कों से गुजराना होता था. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी वसुंधरा में रहते थे. तब हम देखते थे कि यहां कितना ट्रैफिक जाम लगता था. मैंने कभी सोचा नहीं था कि यहां फ्लाईओवर बनने और ट्रैफिक जाम खत्म करने में किसी दिन हमारी भी भूमिका होगी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस फ्लाईओवर ओवर को बनाने की लागत 372 करोड़ रुपए स्वीकृत की गई थी, लेकिन 257 करोड़ रुपए का टेंडर किया गया है. इस फ्लाईओवर में लगभग 115 करोड़ रुपए बचाए हैं.
वाहन चालकों को जाम से मिलेगी मुक्ति
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत आनंद विहार आरओबी और अप्सरा बॉर्डर आरओबी के बीच रोड नंबर-56 पर करीब 1440 मीटर लंबा और छह लेन का चौड़ा फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा. एनसीआरटीसी द्वारा रैपिड मेट्रो स्टेशन बनाने के बाद इस फ्लाईओवर से होकर प्रतिदिन औसतन 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे. जिन्हें आवागमन में काफी सहूलियत हो जाएगी. यह प्रोजेक्ट स्कीम 77 कॉरिडोर में से एक है. इस फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान रैंप, फुटपॉथ, साइनेज, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, हॉर्टिकल्चर समेत अन्य कार्य भी किए जाएंगे.
ढाई साल में रिकवर हो जाएगी फ्लाईओवर की लागत
इस फ्लाईओवर के निर्माण में आने वाली लागत करीब ढाई साल में रिकवर हो जाएगी. अनुमान है कि इस फ्लाईओवर पर प्रतिदिन करीब 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे. एक बार सफर करने पर वाहन चालकों का करीब 11.07 मिनट बचेगा. साथ ही, 42700 घंटे प्रतिदिन मैन पावर की बचत होगी. कार्बनडाई ऑक्साइड का उत्सर्जन 1.50 लाख टन कम होगा. सालाना 16.57 लाख लीटर ईंधन की बचत होगी और प्रति वर्ष 144.78 करोड़ रुपए की बचत होगी.
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