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केजरीवाल ने फिर छेड़ा NPR राग, बोले- क्या पूरी दिल्ली कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर भेज देंगे

शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में चल रही चर्चा के दौरान एनपीआर को लेकर केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की. अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कहा है कि एनपीआर के लिए डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे. उन्होंने ये नहीं कहा कि एनआरसी में डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में की एनपीआर पर बात (फाइल फोटो: PTI)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में की एनपीआर पर बात (फाइल फोटो: PTI)

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  • दिल्ली सीएम केजरीवाल बोले- मेरे पास नहीं है जन्म प्रमाण पत्र
  • केजरीवाल ने NPR को लेकर साधा केन्द्र सरकार पर निशाना

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाया गया था. चर्चा के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की. अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि वो लोग अब कह रहे हैं कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है. लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है.

केजरीवाल ने कहा कोरोना वायरस को लेकर सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए. बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है सभी सरकारों को मिलकर इकोनॉमी और बेरोजगारी पर ध्यान देने की जरूरत है. और इस समय सीएए और एनपीआर लाया जा रहा है. 20 जून 2019 को राष्ट्रपति कोविंद जी ने कहा था मेरी सरकार ने तय किया है कि एनआरसी को लागू किया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने 10 दिसंबर को संसद में कहा था कि देश में एनआरसी होकर रहेगा.

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विधानसभा में केजरीवाल ने साधा केन्द्र पर निशाना

केन्द्र पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब कह रहे हैं कि सीएए अलग है, एनपीआर अलग है और एनआरसी अलग है. आपके कहने से थोड़ी ही होगा. असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है.

केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस किसी के पास दस्तावेज है वो हिन्दुस्तानी है. जो-जो हिन्दू इस गलतफहमी में है कि आपके पास दस्तावेज नहीं है तो आपको एफिडेविट में लिखना होगा कि आप पाकिस्तान से हो. एनपीआर के आधार पर एनआरसी होगा.

अमित शाह के बयान पर ही की उनको घेरने की कोशिश

देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए जवाब का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, "कल का उनका जो स्टेटमेंट है उसमें उन्होंने कहा है कि एनपीआर के लिए डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे. उन्होंने ये नहीं कहा कि एनआरसी में डॉक्यूमेंट नहीं मांगे जाएंगे. एनआरसी में तो डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे. एनआरसी में कौन से डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे इस पर भी गृह मंत्री जी का स्टेटमेंट है."

शाह की ही कही बात को कोट करते हुए केजरीवाल ने आगे कहा कि 17 दिसंबर को अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था आधार और वोटर कार्ड से नागरिकता तय नहीं होती. आधार का अलग पर्पज होता है. ये डॉक्यूमेंट्स नहीं माने जाएंगे.

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केजरीवाल बोले- तो क्या पूरी कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर भेज देंगे

केजरीवाल ने आगे कहा, "डॉक्यूमेंट्स कौन से माने जाएंगे... केवल और केवल किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र). स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट होता था वो नहीं चलेगा. नगर निगम का चलेगा या पंचायत का चलेगा. मेरे पास भी नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है साबित करने के लिए, मेरी बीवी के पास भी नहीं है, मेरे माता पिता के पास भी नहीं है. बच्चों के पास है. 6 लोगों में से 4 लोगों के पास नहीं है तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री के पूरे परिवार को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. मनीष जी के पास नहीं है, अभी इन्होंने बताया. पूरी दिल्ली के कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. तो क्या पूरी कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर में भेज देंगे."

70 में से सिर्फ 9 सदस्यों के पास है प्रमाण पत्र

इसके बाद केजरीवाल ने विधानसभा में मौजूद सदस्यों से पूछा कि क्या उनके पास जन्म प्रमाण पत्र है. केजरीवाल ने उन लोगों से अपना हाथ उठाने के लिए कहा जिनके पास यह सर्टिफिकेट है. इस दौरान सिर्फ 9 सदस्यों ने ही अपने हाथ उठाए. जिसके बाद केजरीवाल ने कहा, "70 लोगों की विधानसभा में 61 लोगों के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है यह साबित करने के लिए कि हम इस देश के नागरिक नहीं हैं केवल 9 लोगों के पास वह प्रमाण पत्र है."

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केजरीवाल ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "जिनके पास दस्तावेज नहीं है तो कितने लोग हैं जो एफिडेविट देंगे कि आप पाकिस्तानी हो. अध्यक्ष महोदय हम मर जाएंगे, कट जाएंगे मिट जाएंगे, देश के साथ गद्दारी नहीं करेंगे. ये जो कह रहे हैं कि बोलो पाकिस्तानी हो तभी नागरिकता देंगे. तो बता दें कि पूरी जिंदगी डिटेंशन सेंटर में बिता देंगे लेकिन देश के साथ गद्दारी नहीं करेंगे. देश का कोई नागरिक भारत के साथ गद्दारी नहीं करेगा."

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