दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हरतरफ धुंध की वजह से लोग परेशान हैं और उन्हें फिलहाल इससे राहत नहीं मिलने वाली है. मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिनों तक दिल्ली की हवाओं में धुंध का असर बरकरार रहेगा. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.
बढ़ते प्रदूषण पर रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगले 5 दिनों के लिए दिल्ली में सभी निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही स्कूल अगले तीन दिन तक बंद रहेंगे. 10 दिनों के लिए बदरपुर प्लांट को बंद किया जाएगा. सोमवार से सड़कों पर पानी का छिड़काव होगा. शहर की सड़कों पर व्यापक पैमाने पर पानी का छिड़काव किया जाएगा और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत आने वाली सभी 100 फुट चौड़ी सड़कों की 10 नवंबर से वैक्यूम क्लीनिंग शुरू की जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ऑड इवन फिर ले लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि फसलों को जलाने से इतना धुआं हो जाएगा इसकी उम्मीद नहीं थी. तुरंत कुछ करने की जरूरत है. स्कूल कुछ दिनों के लिए बंद किए जाएं जिससे बच्चों को स्वास्थ्य की समस्याओं से बचाया जा सके. इमरजेंसी के हालात ऐसे हैं कि सब कुछ रोकने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि पत्तियां जली तो एरिया इंस्पेक्टर जिम्मेदार होगा. सीएम ने कहा कि कैबिनेट ने कृत्रिम वर्षा के विकल्प पर बात की, लेकिन इसके लिए हमें केंद्र की मदद चाहिए होगी. डीजी सेट्स 10 दिन के लिए बंद होंगे. मांगने पर अनाधिकृत कॉलोनियों में भी बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे.
केजरीवाल ने कहा कि बर्निंग ऑफ लीफ के लिए एप रविवार शाम तक बन जाएगा और सोमवार को उसे लॉन्च किया जाएगा. दिल्ली के लोग कोशिश करें कि जितना ज्यादा हो सके वो घर से काम करें.
प्रदूषण को लेकर जंतर-मंतर में प्रदर्शन
प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार ने इसे 'इमरजेंसी' करार दिया है. सोमवार को दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों (यूपी, हरियाणा और पंजाब) के पर्यावरण मंत्रियों की मीटिंग बुलाई है. प्रदूषण से निपटने में दिल्ली सरकार की लापरवाही को लेकर जंतर-मंतर पर बच्चे और लोग प्रदर्शन करने पहुंचे. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'दिल्ली में प्रदूषण से सांस लेना बेहद मुश्किल हो गया है. बच्चों की सेहत बिगड़ रही है. अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया, तो भविष्य खतरे में है. हमलोग हर रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. सरकार को हमारी सुननी पड़ेगी.' बता दें, सुबह 10 बजे तक दिल्ली के आरके पुरम में हवा की गुणवत्ता 999, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में 436, पंजाबी बाग में 999 और शांति पथ में 662 रिकॉर्ड की गई.
दिल्ली के प्रदूषण पर अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि दिल्ली पर्यावरण दिन पर दिन खतरनाक होता जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए हमें एक दीर्घकालिक योजना के बारे में सोचना होगा.
Environment in Delhi is becoming hazardous day by day, we have to think of a long term plan to curb this: Anupam Kher on pollution in Delhi pic.twitter.com/PlKgEuB4tN
— ANI (@ANI_news) November 6, 2016
'आरोप-प्रत्यारोप से बचें सभी पार्टियां'
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा, 'प्रदूषण से दिल्ली में इमरजेंसी के हालात हैं. ये स्थिति खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है. हमें इससे निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने होंगे.' अनिल माधव ने अपील की है कि दिल्ली के प्रदूषण को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टी आरोप-प्रत्यारोप का खेल ना खेले और इस समस्या से निपटने में सहयोग करे. बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की फटकार के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आई है. हालांकि, राजधानी में बढ़े प्रदूषण के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर पड़ोसी राज्यों को कसूरवार ठहराया है.
केजरीवाल ने देर कर दी: शीला दीक्षित
केजरीवाल को जो कदम एक महीने पहले उठाने चाहिए थे वो अब ले रहे हैं. उनको गवर्नेंस चलाना नहीं आता. बहुत देर कर दी कदम उठाने में. सरकार को पहले से सोचना चाहिए. जनता के बीच प्रचार प्रसार करना चाहिए- जैसे पटाखें ना फोड़ें, पत्तियां ना जलाएं. केंद्र और राज्यों से पराली के बारे में बात करनी थी पर कोई समन्वय नहीं. केजरीवाल को दिल्ली से ज्यादा गोवा, गुजरात और पंजाब में प्रचार करने की चिंता है. इतना बुरा हाल तो पहले कभी नहीं हुआ, पहले भी पराली जलती थी, पटाखे फूटते थे. गर्दा बहुत है, 10 दिन से ठीक से सूरज नहीं दिखा.
जानें, दिल्ली की हवा कैसे हुई जहरीली?
1. गाड़ियों के धुएं वायु प्रदूषण के लिए बड़ी वजह
2. दिलावी की रात अंधाधुंध पटाखे छोड़े जाने से
3. चिमनियां और फैक्ट्रियों के धुएं बड़ी वजह
4. भलस्वा और गाजीपुर में जलाए जा रहे कूड़े से
5. धूल के कण का प्रदूषण बढ़ाने में भूमिका
6. पंजाब और हरियाणा में जलाए जा रहे भूसे से
7. पंजाब में हर साल 1 करोड़ 80 लाख टन जलाए जाते हैं भूसे