दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को आम आदमी कहते हैं और उनका शपथ ग्रहण समारोह भी बिल्कुल अनोखा था. यहां सिर्फ आम आदमी को न्योता था, वीआईपी कोई नहीं था. केजरीवाल ने शपथ ली और अपने इरादों को मजबूत करने के लिए वो राजघाट गए, महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर माथा टेककर आशीर्वाद लिया और निकल पड़े दिल्ली का हुलिया बदलने.
PHOTO: शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीरें...
VIDEO: सीएम बनने के बाद अरविंद केजरीवाल का पूरा भाषण...
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी रह चुके 45 साल के केजरीवाल ने ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा लोकपाल के लिए चलाए गए अभियान से अलग होकर आम आदमी पार्टी (आप) नाम का एक राजनीतिक दल बनाने वाले केजरीवाल की अगुवाई में उनकी पार्टी को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में 70 में से 28 सीटें मिली.
केजरीवाल ने बनाई लिस्ट
दिल्ली के आम आदमी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का सुल्तान तो बना दिया, लेकिन ये केजरीवाल भी जानते हैं कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतने के लिए कितनी चुनौतियां उन्हें झेलनी होंगी. लिहाजा शपथ लेने के बाद अरविंद काम में जुट गए. कौन से काम पहले करने हैं, उसकी लिस्ट बना ली है.
केजरीवाल का फरमान...
अरविंद केजरीवाल के पहले फैसले ने बड़े-बड़ों की बत्ती गुल कर दी. अब बकायदा ये दिल्ली सरकार का आदेश बन चुका है कि कोई भी मंत्री अपनी कार पर लाल बत्ती इस्तेमाल नहीं करेगा. इतना नहीं नहीं अफसरों की नीली बत्ती भी नए मुख्यमंत्री ने गुल कर दी है. केजरीवाल ने दूसरा बड़ा फैसला सिक्योरिटी को लेकर किया. सचिवालय के भीतर से सेक्योरिटी बाहर कर दी गई. इसके अलावा आदेश इस बात के भी दे दिए कि दिल्ली सरकार का कोई भी मंत्री सुरक्षा नहीं लेगा यानी आम आदमी पार्टी की सरकार में उनके मंत्री आम आदमी की ही तरह रहेंगे.
केजरीवाल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
केजरीवाल की नजर आम लोगों की सुविधा के साथ ही सुरक्षा पर भी है. यही वजह है कि उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के साथ भी लंबी बैठक की है. साथ ही बिजली को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली है. जाहिर है केजरीवाल की ये सरकार दिल्लीवालों की उम्मीदों की सरकार है. इस पार्टी को आम आदमी ने ही इस मुकाम पर पहुंचाया है, अब अरविंद केजरीवाल के कंधे पर ये जिम्मेदारी है कि वो आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरें.
शीला दीक्षित नहीं पहुंची समारोह में...
केजरीवाल की अल्पमत सरकार को 2 जनवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी-स्पीकर का चुनाव 3 जनवरी को होगा. रामलीला मैदान में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में एक लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की पर सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस के प्रमुख नेताओं, बीजेपी के नेताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी नहीं आईं.
'आज मुख्यमंत्री, कल प्रधानमंत्री' के दिखे पोस्टर
रामलीला मैदान में केजरीवाल के लिए ‘आज मुख्यमंत्री, कल प्रधानमंत्री’ के पोस्टर भी लोगों के हाथों में देखे गए. केजरीवाल के साथ ‘आप’ के छह अन्य विधायकों- मनीष सिसोदिया, गिरीश सोनी, राखी बिड़ला, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सभी को उप-राज्यपाल नजीब जंग ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
मैं आम आदमी हूं: केजरीवाल
अपनी गांधी टोपी की ओर इशारा करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘मैं एक आम आदमी हूं.’ शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान केजरीवाल बाकी नेताओं की तरह कुर्ता-पायजामा में नजर नहीं आए बल्कि उन्होंने पैंट-शर्ट और नीला स्वेटर पहन रखा था. बीजेपी नेता हषर्वर्धन, जो नई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे, एकमात्र ऐसे बड़े नेता थे जो शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मौजूद थे. केजरीवाल ने उन्हें ईमानदार व्यक्ति करार देकर उनकी तारीफ की थी. जदयू विधायक शोएब इकबाल भी रामलीला मैदान में मौजूद थे.
बोले केजरीवाल- दिल्ली की जनता ने ली है शपथ
औपचारिकताएं पूरी होने के बाद केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्ट पार्टियों से अलग ‘आप’ एक जनहितैषी प्रशासन देने का वादा करके सत्ता में आई है. केजरीवाल ने कहा, ‘आज अरविंद केजरीवाल और दूसरे मंत्रियों ने शपथ नहीं ली है बल्कि दिल्ली की जनता ने शपथ ली है. पूरी लड़ाई अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने की नहीं है बल्कि यह दिल्ली के प्रशासन में बदलाव के लिए है.’ दिल्लीवासियों के नये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें इस बात का गुमान नहीं है कि हम सारी समस्याओं का समाधान रातों-रात कर देंगे. हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आज सरकार बनी और आज ही सब समस्याएं हल हो जाएंगी. हमें मिलकर दिल्ली को चलाना पड़ेगा.’
बीजेपी और कांग्रेस को लिया आड़े हाथों...
‘आप’ नेता ने कहा कि भ्रष्ट ताकतें हमारे सामने अड़चनें लाएंगी. हमें इस तरह की खबरें भी मिल रहीं हैं. लेकिन सच्चाई का रास्ता कांटो भरा होता है. उन्होंने कहा, ‘फल तो हमारे हाथ में नहीं है लेकिन हे प्रभु हमें इतनी सद्बुद्धि, इतना साहस देना कि सच्चाई के रास्ते पर चलते रहें.’ केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार रहे डॉ हषर्वर्धन अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन ‘मैं उनकी पार्टी के बारे में यह नहीं कह सकता.’ नए मुख्यमंत्री ने इन दोनों दलों समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से अनुरोध किया कि अगर उनकी अंतरात्मा उन्हें ईमानदारी के साथ देश सेवा करने के लिए कहती है तो वे अपनी पार्टियों को भूलकर आ जाएं और मिलकर काम करें.
अगले पांच साल में फिर सोने की चिड़िया बनेगा देश...
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से देश में कुछ अद्भुत हो रहा है और उम्मीद जताई कि अगले पांच साल में देश फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा. केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों की समस्याओं, जल, बिजली और सड़कों की बुरी हालत के पीछे अब तक की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हम इस राजनीति को मिलकर साफ करेंगे. ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर केजरीवाल ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे सत्ता के अंहकार में नहीं आएं.
घमंड तोड़ने के लिए बनी है 'आप'
उन्होंने कहा, ‘आप पार्टी दूसरों का घमंड तोड़ने के लिए बनी है. कहीं ऐसा न हो कि हमारा घमंड तोड़ने के लिए किसी अन्य दल को पैदा होना पड़े.’ दिल्ली विधानसभा में अगले सप्ताह होने वाले विश्वास मत प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को विश्वास मत गिरने या पारित होने की कोई परवाह नहीं है. ‘हम यहां सत्ता हथियाने नहीं आए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘विश्वास मत प्रस्ताव में हम सफल होते हैं या असफल... अगर प्रस्ताव गिरता है तो हम फिर चुनाव के मैदान में उतरेंगे और जनता हमें भारी बहुमत के साथ जिताएगी.’
राजनीति में मजबूरन आना पड़ा...
केजरीवाल ने देश के बड़े राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश की राजनीति से सबकुछ बर्बाद कर दिया था. जनता निराश हो चुकी थी लेकिन इस चुनाव ने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा भी जा सकता है और जीता भी जा सकता है. उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि ढाई साल पहले अन्ना ने जन लोकपाल के लिए 13 दिन तक अनशन किया था और दो साल तक अनशन, धरने, प्रदर्शन चलते रहे. लेकिन बाद में लगा कि राजनीति बदले बिना यह संभव नहीं है.
'आप' नेता ने कहा, ‘अन्ना कहते थे कि राजनीति कीचड़ है इसमें घुसकर खुद को गंदा नहीं करना चाहिए. मैं उनसे कहता था कि कीचड़ में घुसकर ही हमें उसे साफ करना होगा.’ नए मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आप की सरकार के सामने आगे की चुनौतियां स्वीकार करते हुए कहा कि यह लड़ाई दिल्ली की डेढ़ करोड़ जनता की मदद से ही लड़ी जा सकती है.
अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान के मंच से एक गीत गाया और वहां मौजूद लोगों से भी इसे गाने को कहा. ये हैं उस गाने की पंक्तियां...
'इंसान का इंसान से हो भाईचारा
यही पैग़ाम हमारा, यही पैग़ाम हमारा
नए जगत में हुआ पुराना, ऊंच-नीच का किस्सा
सबको मिले मेहनत के मुताबिक़, अपना-अपना हिस्सा
सबके लिए सुख का बराबर हो बंटवारा
यही पैग़ाम हमारा, यही पैग़ाम हमारा
हरेक महल से कहो के, झोपड़ियों में दिये जलाए
छोटो और बड़ों में अब, कोई फ़र्क़ न रह जाए
इस धरती पर हो प्यार का, घर-घर उजियारा
यही पैग़ाम हमारा, यही पैग़ाम हमारा'.