हाल ही में बढ़ी सीएनजी की कीमतों ने सीएनजी कार चलाने वालों को परेशानी में डाल दिया है. कभी इको फ्रेंडली के साथ साथ पॉकेट फ्रेंडली मानी जाने वाली सीएनजी अब कीमत के मामले में डीजल को टक्कर देने लगी है.
दिल्ली जैसे शहर में हर रोज सफर करने वाले कई लोगों के लिए सीएनजी ने राह आसान कर दी थी. लेकिन अब सीएनजी की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं. आलम ये है कि दिल्ली में सीएनजी के दाम डीजल के बहुत करीब पहुंच गये हैं. सवाल उठता है कि क्या अब भी सीएनजी जैसे साफ ईंधन से चलने वाली गाड़ियां हर रोज सफर करने वालों के लिए किफायती हैं.
ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन, के अनुसार ‘कीमत बढ़ने के साथ सीएनजी का जो असली मकसद था वो खत्म होता जा रहा है. अब सिर्फ एक ही मकसद रह गया है कि उसके साथ प्रदूषण थोड़ा कम होता है. कीमत के हिसाब से देखा जाए तो सीएनजी भी डीजल के बराबर होती जा रही है. जबकि डीजल के इंजन ज्यादा अच्छे हैं.’
दिल्ली में फिलहाल सीएनजी की कीमत 50 रुपये 10 पैसे प्रति किलोग्राम है, जबकि डीजल की कीमत 54 रुपये 34 पैसे है. नोएडा में तो 1 किलोग्राम सीएनजी के लिए 56 रुपये 70 पैसे चुकाने पड़ते हैं. जानकारों का मानना है कि मेंटनेंस के मामले में भी सीएनजी कारें डीजल से चलने वाली कारों से पीछे ही हैं, ऊपर से कार कंपनियां डीजल इंजन को और रिफाइन करने में लगी हैं. ऐसे में सीएनजी से चलने वाली कारों की किफायत पर सवाल उठना लाजमी है. होंडा जैसी कार कंपनियों ने तो सीएनजी की कीमत और सीएनजी से चलने वाली कार की मांग को देखते हुए अपने इकलौते सीएनजी वेरिएंट को बंद करने का फैसला कर लिया है.
होंडा कार्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ज्ञानेश्वर सेन कहते हैं, ‘प्रॉफिट की बात अलग है, सबसे पहले हमें देखना होगा कि सीएनजी की कीमत जिस तरह से बढ़ रही हैं उसमें कोई डिमांड रहेगी भी या नहीं. पिछली वाली होंडा सिटी में हमारा सीएनजी वेरिएंट था पर जो तेजी से कीमत बढ़ी है, उसे देखते हुए फिलहाल नई सिटी में हम सीएनजी नहीं लाए हैं.’
कार बनाने वाली कंपनियां तो बढ़ती या घटती डिमांड के साथ-साथ अपने प्रोडक्शन पर ब्रेक लगा सकती हैं, लेकिन जिन लोगों ने सस्ते विकल्प के तौर पर सीएनजी कारें खरीद रखी हैं. उनको आने वाले वक्त में सीएनजी की और बढ़ी कीमतों का सामना करना पड़ सकता है.