दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. आरोप है कि उन्होंने द्वाराका एक्सप्रेसवे में भूमि अधिग्रहण में हेरफेर कर अपने बेटे की कंपनी को 315 करोड़ का फायदा पहुंचाया है. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री केजरीवाल से की गई है. इसके बाद CM ने विजिलेंस मंत्री आतिशी को जांच के लिए शिकायत भेज दी है.
बता दें कि आईएएस नरेश कुमार ने ही उत्पाद शुल्क नीति और सीएम आवास नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच की है. इसके बाद से ही अरविंद केजरीवाल सरकार और कुमार के बीच विवाद चल रहा है. मुख्य सचिव नरेश कुमार इसी महीने रिटायर होने वाले हैं. वहीं नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उन्हें विस्तार मिल सकता है.
इस बीच आम आदमी पार्टी की सरकार दावा कर रही है कि नरेश कुमार द्वारका एक्सप्रेस-वे से संबंधित भूमि मुआवजा मामले से संबंधित अनियमितताओं में शामिल हैं. उक्त मामले में डीएम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो चुकी है और सीबीआई जांच भी चल रही है. अब मुख्य सचिव के खिलाफ भी जांच के लिए सीएम ने शिकायत को आगे भेज दिया है.
1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं नरेश कुमार
नरेश कुमार 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. नरेश कुमार 1987 बैच के एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के अधिकारी है. इससे पहले वह अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे. उन्होंने पिछले साल अप्रैल में विजय देव की जगह बतौर दिल्ली मुख्य सचिव ली थी. नरेश कुमार नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में चेयरमैन भी रहे हैं.