दिल्ली में ई-बसों की खरीद में बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट की बैठक में 1000 ई-बस खरीद का प्रिंसिपल अप्रूवल हुआ और डिम्ट्स को सलाहकार बनाया गया, जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रखी गई. जबकि ये बसें बेगलुरु में 1.75 करोड़ की खरीदी जा रही हैं. इसमें बड़े स्तर पर घोटाला हो रहा है.
इस मामले पर अजय माकन ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का एफिडेविट है जो सरकार की ओर से 7 मई को फाइल हुआ. उसमें बताया कोर्ट में बताया गया था कि वे ई-बस खरीदना चाहती हैं. एनवायरनमेंट फंड के इस्तेमाल की भी बात कोर्ट ने कही. केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट दिया कि 40 करोड़ की सब्सिडी उन्हें मिल चुकी है. 40 बस के लिए साथ ही ये भी बताया था कि ढाई करोड़ की बस आएगी. इसके बाद कोर्ट ने भूरेलाल कमेटी को सरकार के एफिडेविट की जांच या फिर उसपर कमेंट देने के लिए कहा था. इस पर 15 मई को ईपीसीए की बैठक में हैवी इंडस्ट्री ने बताया है कि 40 करोड़ की सब्सिडी के लिए सरकार समय पर बिडिंग ही नहीं कर पाई.
इसके साथ ही भूरेलाल कमेटी ने बताया कि ई-बस की कीमत 75 लाख से लेकर 1 करोड़ 75 करोड़ बेंच मार्क की. यानी भूरेलाल कमेटी ने सरकार का भ्रष्टचार पकड़ा कि ई-बस ढाई करोड़ नहीं बल्कि 1.75 करोड़ है. बेगलुरु ने 1.75 करोड़ की बसें खरीदी हैं. अजय माकन ने आरोप लगाते हुए कहा की 75 लाख एक बस पर घोटाला है. तो ये 1000 बसों पर 750 करोड़ का घोटाला होने जा रहा है. ग्रॉस क्रॉस मॉडल पर सरकार ने ई-बसों की खरीद का फैसला लिया था.
अजय माकन ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगते हुए ये भी कहा कि सरकार 55 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से इस बस का किराया होगा. जबकि सीएनजी बस का किराया 40 रुपये आता है. जो कि दिल्ली की जनता की जेब पर भी असर डालेगा. लेकिन सरकार सिर्फ अपना फायदा देख रही हैं.