दिल्ली का मोहन गार्डन इलाका बीते कई दिनो से खबरों में है...दरअसल यहां पिछले कई महीनों से सरकार की लापरवाही के कारण लोगों के घरों में पानी जमा है...और अब ये लापरवाही नाकामी में तब्दील होती जा रही है.
जब मोहन गार्डन इलाके में इमारत गिरी तो सियासत ने अपने दौरों और बयानों के सहारे अपनी नींव को मज़बूत करना शुरू कर दिया...मगर छपने और दिखने के सप्ताह के बाद मोहन गार्डन में बाकी रह गया तो वो ही गन्दा पानी, बीमारी पनपाने वाले मच्छर और मजबूरी में तिल तिल कर जी रहे भारतीय लोकतंत्र के नागरिक..
खबर दिखने पर भी नहीं जगी सरकार
3 हफ्ते पहले दिल्ली आजतक की टीम ने मोहन गार्डन की खबर दिखाई थी...मगर सरकार के किसी भी अमले के कान पर किसी भी जूं ने रेंगने से इनकार कर दिया और नतीजा ये कि नर्क का ये आलम मोहन गार्डन में अब भी कायम है.
कांग्रेस के पूर्व विधायक बैठे भूख हड़ताल पर
कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं...और मुख्यमंत्री को हिमाचल के पहाड़ों से मोहन गार्डन की गन्दी गली में विपश्यना करने के लिए बुला रहे हैं..ज़ाहिर है जनता के वोट से चुने हुए नेतृत्व की ज़िम्मेदारी अपनी जनता के प्रति होती है...जब ये जिम्मेदारी निभाने में भूल हो जाए तो जवाबदेही बनती है...मगर जब ज़िम्मेदारी और जवाबदेही के अनिवार्य पहलू भी भुला दिए जाएँ तो चुनी हुई सरकारों के रवैये पर सवालिया निशान खड़े होने लाज़मी हैं.