पिछले एमसीडी चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर हर्ष शर्मा ने बीजेपी के हाई प्रोफाइल राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बुरी तरह हराया था. पात्रा किसी तरह अपनी जमानत बचा पाए थे. हालांकि तब पात्रा राजनीति में नएथे और चुनावी राजनीति में चारों खाने चित हो गए थे, लेकिन बाद में पात्रा ने मीडिया के सामने बीजेपी का जमकर बचाव किया.
उन्होंने हिंदी और अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह बोलने की अपनी क्षमता के बूते जनता के सामने अच्छी छवि बना ली. अब वह बीजेपी के जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं. फिलहाल दिलचस्प बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने अपने मौजूदा पार्षद हर्ष शर्मा को टिकट नहीं दिया और वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. हालांकि हर्ष शर्मा संबित पात्रा पर पूछे गए सवालों से बचते नज़र आए, लेकिन इतना ज़रूर कह गए कि अगर पात्रा पिछले एमसीडी चुनाव में जीत गए होते, तो अभी तक पार्षद ही बने रह जाते.
हर्ष ने कहा, "मैं मोदी के विज़न को देखकर बीजेपी में शामिल हुआ हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस लीडरशिप में कोई हमारी सुन ही नहीं रहा था. कांग्रेस में भाई-भतीजावाद हावी है, जिसके चलते मेरा दम घुट रहा था.