बुधवार को जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव की काउंटिंग शुरू हुई, तो कांग्रेस नेता भी नतीजों पर टकटकी लगाए बैठे थे. आम तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव के नतीजे देश के मूड को नापने का थर्मामीटर माने जाते हैं. कहीं ना कहीं 2012 से लेकर अब तक छात्रसंघ के चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई का फीका प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी के लिए भी चिंता का विषय रहा.
कांग्रेस ने मनाया जीत का जश्न
यही वजह है कि डीयू से जीत की खबर आते ही कांग्रेस पार्टी में भी जीत का जश्न मनने लगा. 2012 के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में एक अच्छी जीत दर्ज करने की खुशी में 24 अकबर रोड पर भी जीत के नारे लगे और आपस में मोतीचूर के लड्डू बांटे गए.
राहुल गांधी पर युवाओं को भरोसा
कांग्रेस सचिव और एनएसयूआई के इंचार्ज गिरीश चौधनकर ने कहा, 'राहुल गांधी एक सच्चे नेता हैं और एनएसयूआई ने जो जीत दर्ज की वो राहुल गांधी के यंग इंडिया के सपने पर देश के युवाओं का भरोसा दर्शाता है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झूठे वादे और नाकाम नीतियों पर देश के युवाओं की नाराजगी है. राहुल गांधी सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं और वह लगातार यंग इंडिया के सपनों को साकार करने के लिए अपनी आवाज उठाते रहे हैं. यही वजह है कि आज एनएसयूआई ने यह जीत दर्ज की और जिस तरह से पंजाब राजस्थान और अब दिल्ली में युवाओं ने कांग्रेस एनएसयूआई पर भरोसा किया है, वह कहीं ना कहीं मोदी साहब का के लिए एक संदेश है.'
राहुल गांधी को जीत का श्रेय
राहुल गांधी खुद एक लंबे समय तक कांग्रेस के छात्र संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए तमाम कोशिशें करते रहे हैं. अक्सर उन्होंने पार्टी के युवा संगठन में वंशवाद खत्म करने और संगठन में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया. जाहिर है अगर जीत दर्ज हुई है, तो इसका श्रेय भी कांग्रेस उपाध्यक्ष और पार्टी के युवा नेता राहुल गांधी को ही दिया जाएगा.