कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को नजदीक आते ही केंद्र सरकार की नीति को लेकर घेराव शुरू कर दिया है. अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एनडीए सरकार पर उनकी कोयला नीति को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार केवल अपने मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए नई नीति लेकर आए हैं.
पवन खेड़ा ने NDA सरकार पर बोला हमला
कांग्रेस नेता ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता कर केंद्र सरकार की नई कोयला नीति पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटित करने के लिए यूपीए सरकार की नीति की काफी आलोचना की गई, सभी ने कहा कि घोटाला हुआ है. पर सच आप सभी के सामने था, लेकिन जब उनकी सरकार आई तो उन्होंने उस नीति को रद्द करने के बाद नई नीति बनाई और एक ऐसी प्रक्रिया बनाई. सिर्फ इनके गिने चुने मित्र बोली लगा सकें.
उन्होंने क्या किया मैं आपको बताता हूं. पहले सिर्फ एंड यूजर ही कोयला की खदान का आवंटन ले सकता था, जिसमें सीमेंट प्लांट, पावर प्लेयर्स... लेकिन उनकी सरकार ने आकर कहा कि एंड यूजर्स की अलग-अलग श्रेणी बना देते हैं. तो हुआ क्या कि जो लोग पावर का काम कर रहे थे वो पावर का ही काम करें और जो लोग सीमेंट का काम कर रहे थे वो सिर्फ सीमेंट का काम करेंगे. लेकिन जब इन ब्लॉक की बोली लगी तो कार्टेलाइजेशन हो गया और औने-पौने दामों पर बोली लगी.इससे सरकार के राजस्व का काफी नुकसान हुआ.
'CAG रिपोर्ट में हुआ खुलासा'
कांग्रेस नेता सीएजी की रिपोर्ट का ज्रिक करते हुए कहा कि सीएजी ने बताया है 11 कोयला ब्लॉकों को शेल कंपनियां बनाकर घोटाला हुआ है.बात यह नहीं रुकी. सीएजी की रिपोर्ट से पहले इसी पार्टी के दो सांसद ने सरकार को बताया कि इस एंड यूजर नीति से काफी परेशानी हो रही है. इसके बाद सरकार ने अपने दोनों मंत्रियों का प्रमोशन कर दिया और वो चुप हो गए.
पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा कि आज भ्रष्टाचार दो तरह से हो रहा है. पहला तुम चुप रहो मैं तुमको मंत्री बना दूंगा और दूसरा तुम मुझे चंदा दो मैं तुम्हे कोयला दूंगा.
'हर बार बदल जाती है नीति'
उन्होंने आगे कहा कि जब इस नीति को लेकर सीएजी ने अपनी रिपोर्ट दी और बताया सरकार को जितना राजस्व मिलना चाहिए था, उतना राजस्व नहीं मिला. तो पीयूष गोयल ने संसद में 4 ब्लॉक के बारे में स्वीकार किया कि हां धांधली हुई है, लेकिन 11 ब्लॉक के बारे में कुछ नहीं स्वीकारा.इसके बाद फिर से 2015 में नीति पर बदलाव हुआ और 2020-21 आते-आते फिर से नीतियों में परिवर्तन हुआ. ये बहुत बड़ा घोटाला है.
उन्होंने अंत में कहा कि 48 लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है...आपने रद्द करने का फैसला ले लिया..उन बच्चों की पढ़ाई, फीस उन सबका क्या होगा.