दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने शोक जताया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया. राहुल गांधी ने लिखा, मैं शीला दीक्षित के निधन की खबर सुनकर हैरान हूं. वह कांग्रेस पार्टी की बेहद प्रिय बेटी थीं. उनके साथ मेरा भी करीबी रिश्ता था. मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिनके लिए उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया.
वहीं उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शीला के निधन पर कहा, मैं उनके जाने से बेहद दुखी हूं. वह मुझसे बहुत प्यार करती थीं. जो भी उन्होंने दिल्ली की जनता और देश के लिए किया, लोग उसे याद रखेंगे. वह पार्टी की बड़ी नेता थीं. पार्टी और देश के प्रति खासकर दिल्ली उनका योगदान अद्भुत था.
I’m devastated to hear about the passing away of Sheila Dikshit Ji, a beloved daughter of the Congress Party, with whom I shared a close personal bond.
My condolences to her family & the citizens of Delhi, whom she served selflessly as a 3 term CM, in this time of great grief.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2019
दोपहर 3.05 बजे शीला दीक्षित को कार्डियक अरेस्ट आया था और दोपहर 3.55 बजे उनका निधन हो गया. वह कुछ समय से बीमार चल रही थीं. उनका दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में इलाज चल रहा था. शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निजामुद्दीन ईस्ट स्थित आवास पर रखा गया है. रविवार दोपहर ढाई बजे निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शीला दीक्षित के निधन पर दिल्ली में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है.
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शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में 31 मार्च 1938 को हुआ था. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से की. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से उन्होंने आर्ट्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की. शीला दीक्षित युवावस्था से ही पॉलिटिक्स में दिलचस्पी लेने लगी थीं. उनकी शादी उन्नाव निवासी कांग्रेस नेता उमाशंकर दीक्षित के आईएएस बेटे विनोद दीक्षित से हुई थी.
दोनों डीयू में पढ़ाई के दौरान मिले थे. शीला ने राजनीति की ABCD अपने ससुर से सीखी थी. उनके ससुर इंदिरा गांधी सरकार में गृह मंत्री रहे. इसके बाद वह भी राजनीति में उतर गईं. शीला दीक्षित 1984 में पहली बार कन्नौज से सांसद बनीं. इसके बाद राजीव गांधी कैबिनेट में संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर काम किया. बाद में पीएमओ में राज्यमंत्री भी रहीं.
साल 1998 में शीला ने पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के लाल बिहारी तिवारी ने उन्हें मात दी. हालांकि विधानसभा चुनावों में उन्हें जीत मिली और वह मुख्यमंत्री बनीं. वह तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री चुनी गईं. साल 2013 में उन्हें नई दिल्ली क्षेत्र से अरविंद केजरीवाल ने मात दी.