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दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारें जिम्मेदार: कांग्रेस 

दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल भारद्वाज ने दोनों सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सरकारें अपनी राजनीतिक अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए कानून व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर रही हैं. इस समय दिल्ली में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है. 

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दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए दोनों सरकारें जिम्मेदार (फाइल फोटो)
दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए दोनों सरकारें जिम्मेदार (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और आम आदमी पार्टी की सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में हत्याओं की कई वारदातें सामने आई हैं, जिन्होंने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. 

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दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल भारद्वाज ने दोनों सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों सरकारें अपनी राजनीतिक अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए कानून व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर रही हैं और दिल्ली में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है.  

अनिल भारद्वाज ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार थी तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह कहा करते थे कि दिल्ली में कानून व्यवस्था के लिए जितनी केंद्र जिम्मेदार है उतनी ही जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, लेकिन आज सत्ता में आने के बाद केजरीवाल इसका पूरा ठीकरा केंद्र सरकार और उपराज्यपाल पर फोड़ते हुए नजर आते हैं.  

भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक तरफ तो अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं तो वहीं दिल्ली की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी से कैसे अपना मुंह मोड़ सकते हैं.  

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दिल्ली में बीते एक हफ्ते में कई हत्याएं 

दिल्ली में पिछले दिनों मंडावली इलाके में एक बुजुर्ग महिला की दिनदहाड़े हत्या, उससे पहले आर के पुरम इलाके में 2 महिलाओं की हत्या, वहीं साउथ दिल्ली में एक कॉलेज के बाहर छात्र की हत्या ये सब बताती हैं कि दिल्ली में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चरमरा गई है. 
दिल्ली कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जितनी केंद्र की है उतनी ही जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की भी है. दिल्ली में आए दिन यौन उत्पीड़न दुष्कर्म  के जो मामले सामने आ रहे हैं उसके प्रति भी मुख्यमंत्री की एक जिम्मेदारी बनती है.  

एक-दूसरे को पत्रों का दौर जारी  

वहीं दूसरी ओर बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच पत्रों का दौर जारी है. मंगलवार को जहां सीएम के लिखे पत्र पर उपराज्यपाल ने जवाब दिया तो वहीं उपराज्यपाल के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री ने एक और पत्र लिखकर कानून व्यवस्था पर चेताया और दिल्ली पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया.  

 

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