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अब महिला आरक्षण पर राष्ट्रपति के दर जाएगी महिला कांग्रेस

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास करने का निवेदन किया था. जाहिर है शीतकालीन सत्र में कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.

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कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे पर मुलाकात
कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे पर मुलाकात

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संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने महिला आरक्षण मुद्दे को उठा लिया है. सोमवार को महिला कांग्रेस की अध्यक्ष समेत सभी राज्यों की महिला पदाधिकारी संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी.

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास करने का निवेदन किया था. जाहिर है शीतकालीन सत्र में कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.

कांग्रेस महिला बैंक की प्रमुख सुष्मिता देव का कहना है कि पार्टी ने देश के अलग-अलग राज्यों से संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के समर्थन में 33 लाख हस्ताक्षर जमा किए हैं. जिसे वह राष्ट्रपति कोविंद को लेकर आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार से महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश करने का आग्रह करेंगी. बड़ी बड़ी कागज की पेटियां लेकर देश के अलग-अलग प्रदेशों से महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेता दिल्ली पहुंची हैं. कागज के बक्सों में महिला कांग्रेस के पदाधिकारियों और सदस्यों ने 33 लाख हस्ताक्षर जमा करने का दावा किया है.

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बताया जा रहा है कि सोमवार दोपहर 12 बजे महिला कांग्रेस की अध्यक्षा राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी. आज तक से बातचीत में कांग्रेस नेता और महिला कांग्रेस के मुखिया सुष्मिता देव ने कहा कि हमने महिला कांग्रेस के माध्यम से पूरे देश में एक हस्ताक्षर अभियान 21 मई को शुरू किया था. जिसमें पहला हस्ताक्षर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जी ने किया था.

गौरतलब है कि 20 सितंबर को सोनिया गांधी ने माननीय प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अपने बहुमत का फायदा उठाकर लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया जाए. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश करेगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस क्या रूख अपनाती है.

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