देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. आज तक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक बीजेपी के एक बड़े नेता के कहने पर संजीव चतुर्वेदी को हटाया गया. आज तक के पास वो चिट्ठी है, जिसमें हर्षवर्धन ने वो मामले बंद करने की बात कही है जो संजीव चुतुर्वेदी ने खोले थे.
अब BJP के वरिष्ठ मंत्री के निजी डॉक्टर के खिलाफ सीबीआई ने आरोप लगाए हैं. साथ ही बड़ी पेनाल्टी के लिए सीबीआई के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि संजीव चतुर्वेदी जो कल तक सीवीओ थे, ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के एक बड़े नेता के कहने पर उनका ट्रांसफर किया गया. संजीव चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखी है, जिसकी एक प्रति प्रधानमंत्री मोदी को भी भेजी गई है. इसमें लिखा है कि बीजेपी नेता के निजी डॉक्टर के कहने पर उनका ट्रांसफर किया गया है. इस डॉक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की गई थी.
आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल ने सरकार के इस फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या इसी तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी?
संजीव चतुर्वेदी ने ये लगाए आरोप
1. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के निजी डॉक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्रवाई करने पर उल्टा उन्हीं को हटा दिया गया.
2. एम्स की ये निजी लेडी डॉक्टर डायबेटिक एक्सपर्ट हैं, जिनके ऊपर लगे आरोपों को स्वास्थ्य मंत्री ने ही खारिज कर दिया.
3. सीवीओ ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि बीजेपी के महासचिव स्तर के एक नेता उनसे इस बात पर नाराज हो गए क्योंकि एम्स में तैनात एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ उन्होंने भ्रष्टाचार की कार्रवाई की थी.
संजीव चतुर्वेदी अपने पत्र में स्वास्थ्य सचिव को ये बताना नहीं भूले कि देश के प्रधानमंत्री एक तरफ भ्रष्टाचार की जहां लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं उन्हीं की नाक के नीचे ईमानदार अफसरों पर गाज गिराई जा रही है. सीवीओ ने मोदी के भाषण का हवाला देते हुए लिखा, 'एक तरफ देश के प्रधानमंत्री कह रहे हैं न खाऊंगा और न खाने दूंगा. दूसरी तरफ उनकी नाक के नीचे भ्रष्ट लोग सक्रिय हैं.'
सीवीओ ने अपने पत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री को भी भेजी है और गुजारिश की है कि जिन भ्रष्ट अधिकारियों पर उन्होंने कार्रवाई की है उनकी सीबीआई जांच करवाई जाए. बहरहाल सीवीओ के इस तेवर से एम्स से लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है. आरोपों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
आपको बता दें कि चतुर्वेदी पिछले दो सालों से भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के मामलों को उजागर करने के कारण सुर्खियों में रहे. उनकी पहचान एक ईमानदार अफसर की रही है. संजीव चतुर्वेदी हरियाणा कैडर के 2002 बैच के वन अधिकारी हैं. उनका कार्यकाल जून 2016 में खत्म होना था लेकिन इससे पहले उन्हें हटा दिया गया. उनकी जगह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सीवीओ और संयुक्त सचिव को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है.