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कोरोना की तीसरी लहर की सुगबुगाहट के बीच दिल्ली में एक ओर जहां सरकार स्कूल खोलने को लेकर विचार-विमर्श कर रही है तो वहीं थर्ड वेव (Third Wave) के खतरे से बच्चों को बचाने के लिए तैयारियां भी जारी हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा बच्चों के लिए बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स की निगरानी में कोविड आईसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं. दिल्ली के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल चाचा नेहरू में आईसीयू वार्ड (ICU ward) तैयार करने का काम तेजी से जारी है.
पूर्वी दिल्ली के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen Supply) के लिए नई पाइप लाइन बिछाई जा रही है. तीसरी लहर (Third Wave) में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए अस्पताल की तैयारियों को लेकर आजतक की टीम ने चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय (Chacha Nehru Bal Chikitsalaya) की हेड ममता जाजू से उस जगह पहुंचकर खास बातचीत की जहां ICU वार्ड्स बनाए जा रहे हैं.
बढ़ाई जा रही ICU बेड्स की संख्या
ममता जाजू ने कहा कि फिलहाल अस्पताल में 220 बेड्स की व्यवस्था है. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर बेड्स की संख्या को बढ़ाकर 250 से अधिक किया जाएगा. वहीं, अस्पताल में बच्चों के लिए अभी 30 ICU बेड्स हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 100 किया जाएगा. इसके अलावा 150 ऑक्सीजन पॉइंट्स की संख्या को बढ़ाकर 230 तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है.
हाईटेक मशीनों की व्यवस्था
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाने के लिए नए टैंक भी लगाए जा रहे हैं जिससे ICU बेड्स पर ऑक्सीजन सप्लाई की दिक्कत न हो. साथ ही नए वेंटिलेटर खरीदने और ऑक्सीजन सप्लाई में इस्तेमाल होने वाली हाईटेक मशीनों की खरीदारी पर जोर दिया जा रहा है.
हेल्पलाइन नंबर जारी करने का भी प्लान
चाचा नेहरू चिकित्सालय में तैयार किए जा रहे ICU बेड्स पर 24 घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रबंध किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल का 5000 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट अगले एक हफ्ते में शुरू करने का टारगेट है. साथ ही लिक्विड ऑक्सीजन की क्षमता को भी बढ़ाकर 10 हजार लीटर तक करने की तैयारी है. जिससे सप्लाई में बाधा न आए. अस्पताल प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी करने का प्लान भी बनाया जा रहा है.
अस्पताल में ये खास इंतजाम
बच्चों को एक सुखद पर्यावरण महसूस कराने के लिए वार्ड्स में चर्चित कार्टून की पेंटिंग की गई है. अस्पताल की हेड ममता जाजू ने बताया कि वार्ड में बच्चों को अकेला नहीं रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना होने की स्थिति में बच्चों के साथ माता-पिता को रहने की अनुमति मिलेगी.
इसके अलावा डॉक्टर्स की एक टीम बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग भी करेगी. उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो अलग से काउंसलिंग सेशन शुरू किया जाएगा. अस्पताल के स्टाफ को रोजाना ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 3 टाइप स्ट्रेटजी पर काम चल रहा है. इसके अलावा बच्चों के इस अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 1 रूम में 4 वेंटिलेटर और 2 नर्स तैनात की जाएंगी. हर 10 ICU बेड्स पर एक डॉक्टर भी तैनात होगा. मेडिकल स्टाफ 8 घंटे की 3 अलग-अलग शिफ्ट में काम करेगा. साथ ही बच्चों के इलाज के लिए 32 सीनियर एक्सपर्ट डॉक्टर की मदद भी ली जाएगी.