देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मामले और संक्रमण दर कम हुई है. 18 अप्रैल से दिल्ली में शुरू हुआ लॉकडाउन अब भी जारी है. 24 मई को मौजूदा लॉकडाउन खत्म हो रहा है. ऐसे में एक स्टडी के मुताबिक दिल्ली के 68 प्रतिशत लोगों की राय है कि सूबे में लॉकडाउन कम से कम एक और हफ्ते के लिए बढ़ाया जाना चाहिए.
हालांकि बीते दो सप्ताह में लॉकडाउन के पैरोकारों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पहले 85 प्रतिशत लोग लॉकडाउन के समर्थन में थे लेकिन अब यह घटकर 68 प्रतिशत हो गया है. अप्रैल में ल़ॉकाडाउन के बाद से दिल्ली में कोरोना के मामले 26 हजार से तीन से छह हजार तक आ गए हैं. इसे अलावा पॉजिटिविटि रेट भी 36 प्रतिशत से घटकर 5-7 प्रतिशत हो गया है. हालांकि दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों का आंकड़ा अब भी चिंतनीय है.
कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले एक महीने में चार बार लॉकडाउन बढ़ा चुकी है. मौजूदा लॉकडाउन 17 मई को खत्म होने वाला था लेकिन इसे एक और सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया. लोकलसर्कल के सर्वे में भी लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन 74 प्रतिशत लोगों ने किया था जिसके बाद यह फैसला किया था.
Local Circles ने 24 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर सूबे के लोग क्या सोचते हैं. इस मसले पर एक सर्वे किया है. इस सर्वे में दिल्ली के सभी 11 जिलों में से लगभग 9 हजार रिस्पांडेंट शामिल थे. 69 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं ने इस सर्वे में भाग लिया. 68 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लॉकडाउन कम से कम एक सप्ताह के लिए बढ़ाया जाना चाहिए.
वहीं, 10 प्रतिशत लोगों ने कहा कि तीन हफ्ते के लिए लॉकडाउन और बढ़ाया जाना चाहिए. 26 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लॉकडाउन दो और हफ्ते के लिए बढ़ा दिया जाना चाहिए. 32 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लॉकडाउन एक हफ्ते के लिए बढ़ाना चाहिए. वहीं केवल 10 प्रतिशत ही ऐसे लोग थे जिन्होंने कहा कि अब लॉकडाउन हटा देना चाहिए. इसके अलावा 22 प्रतिशत ऐसे भी लोग थे जिनका कहना था कि लॉकडाउन हटाकर केवल नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू ही होना चाहिए.