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कोरोना से बदहाल दिल्ली: अस्पतालों में टेस्ट के लिए लंबी कतार, फिर घंटों रिजल्ट का इंतजार

कोरोना के प्रकोप के मामले में दिल्ली ने तो मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया है, हाल ये है कि दिल्ली में एक महीने में संक्रमण के मामले 32 गुना तक बढ़ गए हैं.

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अस्पताल हो या स्टेशन टेस्टिंग के लिए लंबी कतार (फोटो: PTI)
अस्पताल हो या स्टेशन टेस्टिंग के लिए लंबी कतार (फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में कोरोना के कारण हाल बेहाल
  • अस्पतालों में टेस्ट के लिए लंबा इंतजार
  • उड़ रही कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियां

देश के अलग-अलग शहरों में कोरोना के कारण हालात खराब होते जा रहे हैं. दिल्ली और मुंबई दो ऐसे शहर हैं, जिन्होंने कोरोना की इस नई लहर में सभी रिकॉर्ड तोड़े हैं. देश में सामने आ रहे हर 8 में से एक नया केस, इन्हीं दो शहरों से मिल रहा है. इसमें दिल्ली ने तो मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया है, हाल ये है कि दिल्ली में एक महीने में संक्रमण के मामले 32 गुना तक बढ़ गए हैं.

अगर दिल्ली का हाल देखें, तो हर 100 टेस्ट में 13 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं और इस रफ्तार के कम होने के अभी कोई आसार भी नहीं दिख रहे हैं. खासतौर पर जिस तरह की स्थिति दिल्ली में है, उसमें तो संक्रमण और तेज़ी से बढ़ने का पूरा डर है. 

इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि बदइंतज़ामी और बेफिक्री की कोई लिमिट दिल्ली में नहीं है. जिन अस्पतालों में कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं, वहां का हाल जानने के बाद दिल्ली की सच्चाई सामने आती है. अस्पतालों मे टेस्ट के लिए इतनी भीड़ है कि उसे संभालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में दो गज की दूरी का पालन तो दूर की कसौटी लगती है. 

हालात ऐसे हैं कि रिपोर्ट पॉजिटिव आए या निगेटिव, किसी को कोई फर्क नहीं. ना टेस्ट करने वाले को और ना टेस्ट कराने वाले को. 

‘टेस्ट के लिए लंबी कतार, फिर रिजल्ट का इंतजार’
दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पताल हेडगेवार का भी ऐसा ही हाल है. अस्पताल के अंदर सैकड़ों लोग एक हॉल में दिख रहे हैं, जो कि कोरोना टेस्ट करवाने आए हैं. टेस्ट के बाद अपनी अपनी रिपोर्ट का घंटों से इंतज़ार कर रहे हैं. बेफिक्री का हाल ये है कि हॉल के रिसेप्शन से ही आवाज़ लगाई जाती है, नाम बुलाया जाता है और रिपोर्ट पॉजिटिव है या निगेटिव सबके सामने ही बताया जाता है.

अगर कोई निगेटिव निकला तो कोई बात नहीं, अगर पॉजिटिव निकला तो भी कोई बात नहीं. उन्हें अस्पताल में नहीं बल्कि सीधे घर जाने को कह दिया जाता है.

ऐसे ही बेफिक्री से सैकड़ों की भीड़ में निगेटिव-पॉजिटिव की रिपोर्ट बांटी जा रही है. जो टेस्ट के बाद पॉजिटिव मिल रहे हैं वो ऐसे ही बेफिक्री से अपनी रिपोर्ट लेकर बाहर भी निकल रहे हैं. ये बात तो खुद इस अस्पताल के वो लोग मान रहे हैं, जिन्हें ऐसी भीड़ जुटाकर टेस्ट करने की जिम्मेदारी दी गई और जो खुले आम टेस्ट का रिज़ल्ट बताकर लोगों को घर जाने को कह रहे हैं. 

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दिल्ली में दिख रहा खौफनाक मंजर (फोटो: PTI)


हर अस्पताल का ऐसा ही है हाल
दरअसल, रैपिड टेस्ट में 10 मिनट लगते हैं. लेकिन 4-4 घंटे लोग इंतज़ार करते हैं सुबह से टेस्ट के लिए बैठे रहते हैं. फिर ऐसी भीड़ जुट जाती है, जिसमें अगर किसी संक्रमित नहीं भी होगा तो हो जाएगा.

हालांकि, ये दिल्ली के एक अस्पताल का हाल नहीं है. एमसीडी के स्वामी दयानंद अस्पताल की तस्वीर भी अलग नहीं थी. जहां तक आपकी नज़र जाएगी वहां तक लाइन लगी है, सोशल डिस्टेंसिंग तो छोड़िए लोग एक दूसरे पर गिरे जा रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों के साथ महिलाएं अपनी बारी का इंतज़ार कर रही हैं. गर्भवती महिलाएं तक चक्कर लगा रही हैं. 

दिल्ली में कोरोना का हाल
•    24 घंटे में आए केस: 17,282
•    24 घंटे में हुई मौतें: 104
•    कुल केस: 7,67,438
•    एक्टिव केस: 50,736
•    अबतक हुई मौतें: 11,540 

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