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कोरोना संकट से बैंक्वेट हॉल संचालक परेशान, सरकार से लगाई बिजली-पानी के बिल पर माफी की गुहार

दिल्ली में पिछले 5 महीने तक बैंक्वेट हॉल बंद रहने से हुए आर्थिक नुकसान का जिक्र करते हुए संचालक कहते हैं कि बैंक्वेट हॉल के काम से फूड इंडस्ट्री के लोग, बर्तन उठाने वाले से लेकर, फूल वाला, फोटो स्टूडियो, डीजे या बैंड वाले भी जुड़े होते हैं, और जब शादी ही नहीं होगी तो कामकाज कैसे चलेगा?

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दिल्ली में संकट से जूझ रहे बैंक्वेट हॉल
दिल्ली में संकट से जूझ रहे बैंक्वेट हॉल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछले 5 महीने के बिजली-पानी बिल माफ करने की लगाई गुहार
  • हॉल संचालकों को सरकार की तरफ से नई गाइडलाइंस का इंतजार
  • हॉल में एंट्री के दौरान थर्मल स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग की भी व्यवस्था

दिल्ली में अस्पतालों से मुक्त होने के बाद भी बैंक्वेट हॉल संचालकों के सामने कई बड़ी चुनौतियां नजर आ रही हैं. बैंक्वेट हॉल एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से पिछले 5 महीने के बिजली-पानी बिल को माफ करने की गुहार लगाई है.

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पूर्वी दिल्ली में एक बैंक्वेट हॉल के संचालक कृष्णा जैन नुकसान गिनाते हुए दिल्ली सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं. कृष्णा जैन दिल्ली में बैंक्वेट हॉल एसोसिएशन के सचिव भी हैं. जैन ने बताया कि जून के महीने में जब कोरोना मामले बढ़ रहे थे तब उनके बैंक्वेट हॉल में 82 बेड्स की मदद से अस्थायी इमरजेंसी अस्पताल तैयार किया गया था हालांकि उनके बैंक्वेट हॉल में कोई कोरोना मरीज भर्ती नहीं हुआ था. 

बुकिंग का इंतजार कर रहे बैंक्वेट हॉल
कृष्णा जैन ने कहा कि शादी समारोह के लिए काफी बुकिंग आ रही हैं, लेकिन सरकार की तरफ से गाइडलाइंस जारी नहीं होने की वजह से असमंजस है. ये पता नहीं है कि कितने लोगों का इंतजाम बैंक्वेट हॉल में कर सकते हैं. किसी भी घर में शादी एक सबसे बड़ा कार्यक्रम होता है, मेहमान देश-विदेश से आते हैं और मेहमानों की संख्या 100 तक पहुंच जाती है. ऐसे में सरकार की तरफ से नई गाइडलाइंस का इंतजार है ताकि तबाह हो चुकी हमारी इंडस्ट्री फिर से शुरू हो सके.

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करीब 5 महीने तक बैंक्वेट हॉल बंद रहने से हुए आर्थिक नुकसान का जिक्र करते हुए कृष्णा जैन ने कहा कि बैंक्वेट हॉल के काम से फूड इंडस्ट्री के लोग, बर्तन उठाने वाले से लेकर, फूल वाला, फोटो स्टूडियो, डीजे या बैंड वाले भी जुड़े होते हैं, और जब शादी ही नहीं होगी तो कामकाज कैसे चलेगा?

बैंक्वेट इंडस्ट्री को हुआ बड़ा नुकसान
कृष्णा जैन ने आगे बैंक्वेट हॉल के खर्चे गिनाते हुए कहा कि पिछले 5 महीनों में बिजली बिल जमा करने से लेकर सिक्योरिटी गार्ड की सैलरी देने, मेंटेनेंस देने का सिलसिला भी कोरोना काल में भी जारी रहा है. ऐसे में जब काम पूरी तरह ठप्प हो गया था, एक बड़ा नुकसान बैंक्वेट इंडस्ट्री को हुआ है.

सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए बैंक्वेट हॉल एसोसिएशन के सचिव कृष्णा जैन ने कहा कि सरकार को हमारे बिजली बिल को माफ करने की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि बैंक्वेट हॉल में बिजली अधिक खर्च होने की वजह से बिजली का बिल भी ज्यादा आता है. ऐसे में सरकार बैंक्वेट हॉल से जुड़े बिजली बिल को माफ करे. साथ ही, जो बैंक्वेट हॉल किराए पर चल रहे हैं उनकी तरफ भी सरकार ध्यान दे. अगर सरकार पिछले 5 महीने का बिजली और पानी बिल माफ कर दे तो बड़ी राहत मिलेगी.

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बैंक्वेट हॉल संचालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या मैनपावर की है. संचालकों का कहना है कि शादी समारोह के सीजन में भोजन बनाने के लिए उत्तराखंड से लोग आते थे और दिल्ली में किराए के कमरे में रहते थे. लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से सभी को वापस लौटना पड़ा और जब हम फोन पर बात करके बुलाते हैं तो वह दोबारा लौटना भी नहीं चाहते हैं क्योंकि पिछले 5 महीने में न कमाई हुई और न उन्हें सैलरी मिल पाई है.

कोरोना से बेहतर हो रहे हालात के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा बैंक्वेट हॉल को दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. मौजूदा गाइडलाइंस के तहत शादी या अन्य समारोह के लिए 50 लोगों की मंजूरी दी गई है. फिलहाल बैंक्वेट हॉल में एंट्री के दौरान थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ 2 मीटर की दूरी पर बैठने की व्यवस्था के साथ भी कई बदलाव किए गए हैं.

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