कोरोना वायरस (COVID-19) का खौफ दुनिया भर में जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, टूरिज्म इंडस्ट्री का नुकसान भी वैसे ही बढ़ रहा है. यहां तक कि भारत में भी दिल्ली में टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स को बड़ी संख्या में टूर बुकिंग्स रद्द करनी पड़ रही हैं.
कृष्णा हॉलीडेज़ के संस्थापक और ‘द इंडीजिनियस फेडरेशन ऑफ टूरिज़्म इंटिग्रिटी (TIFTI) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने इंडिया टुडे को बताया, 'चीन और हॉन्गकॉन्ग के बाद कोरोना वायरस ने ‘टूर एंड ट्रैवल’ को यूरोप, सिंगापुर, इटली और फ्रांस में मारना शुरू कर दिया है. वीकेंड डेस्टिनेशन के नाम से मशहूर दुबई के लिए पहले से हो रखी बुकिंग भी बड़े पैमाने पर रद्द हो रही हैं.'
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श्रीवास्तव ने कहा, 'भारतीय टूरिस्ट मार्च से अक्टूबर के बीच अमूमन यात्राओं के लिए बुकिंग कराते हैं. मार्च और अप्रैल भारतीय पर्यटकों के लिए घरेलू और इंटरनेशनल, दोनों सर्किट में ही पीक सीजन माने जाते हैं. क्योंकि तब तक परीक्षाएं निपट गई होती हैं. दुबई के लिए सबसे ज्यादा बुकिंग 15 मार्च से 1 अप्रैल के बीच यात्रा की होती है. लेकिन इस साल कोरोना वायरस की वजह से फ्लाइट और होटल बुकिंग्स दोनों ही बड़ी संख्या में रद्द हो रही हैं.”
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श्रीवास्तव के मुताबिक 90 फीसदी होटल और फ्लाइट बुकिंग रद्द हो चुकी है. थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया के लिए होने वाली क्रूज बुकिंग भी धड़ल्ले से रद्द हुई हैं. इससे दिल्ली और एनसीआर में ही ट्रैवल इंडस्ट्री को 200-300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
उपभोक्ताओं की जेब पर भी चोट
राजधानी के ही एक और टूर एंड ट्रेवल ऑपरेटर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'कोरोना वायरस ने न सिर्फ टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री की कमर तोड़ी है बल्कि इसने उपभोक्ताओं की जेब को भी भारी चोट पहुंचाई है. फ्लाइट टिकट कैंसल करने के लिए एयरलाइंस उनसे भारी कैंसेलेशन चार्ज वसूल कर रही हैं. यूरो और अमेरिका के यात्रियों ने कोरोना के डर से भारत की बुकिंग्स भी जमकर रद्द कराई हैं जबकि यहां अभी इक्का-दुक्का ही केस पॉजिटिव पाए गए हैं.”
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कई टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स ने मांग की है कि सरकार को एडवाइजरी जारी करनी चाहिए. साथ ही होटल इंडस्ट्री और एयरलाइंस को इंटरनेशनल टिकट रद्द कराने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने का ऐलान करना चाहिए.
चुनौती भरे होंगे अगले 6 माह
शैलेंद्र श्रीवास्तव ने इंडिया टुडे को बताया कि अगले 6 महीने टूर और ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए बहुत चुनौती भरे होने वाले हैं. ये बात सिर्फ न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे देश के लिए लागू होती है. जब तक कोरोनावायरस पर प्रभावी रोक नहीं लग जाती तब तक देश में आने वाले और देश से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या घटती जाएगी. ऐसे में टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री का नुकसान भी बढ़ता जाएगा.