दिल्ली में कोरोना वायरस के हालात को लेकर रविवार को गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई. इस उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल सहित गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हुए.
गृह मंत्री की यह बैठक इस मायने में भी खास है, क्योंकि राजधानी में कोरोना के कारण बिगड़ते हालात के पीछे केंद्र, राज्य और एमसीडी प्रशासन के बीच उचित तालमेल न होने की बातें सामने आती रही हैं. दिल्ली सरकार और एमसीडी प्रशासन के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी होता रहा है.
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12.23 AM: गृह मंत्रालय में चल रही बैठक खत्म, लगभग 1 घंटा 20 मिनट तक चली बैठक
12.12 AM: सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र के सामने कई मांगें रखी हैं. दिल्ली सरकार चाहती है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के लिए क्षमता बढ़ाई जाए. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज होना चाहिए.
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से कहा कि प्राइवेट अस्पतालों पर कैपिंग रेट लागू किया जाए. प्राइवेट लैब्स में भी कोरोना टेस्ट किया जाए जहां जांच की कीमत किफायती रखी जाए. कोरोना टेस्ट भी अन्य बीमारियों में होने वाले टेस्ट की तरह ही होना चाहिए और रिपोर्ट आसानी से मिलनी चाहिए.
11.15 AM: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की दिल्ली के एलजी अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ कोरोना से निपटने को लेकर मीटिंग शुरू.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah and Health Minister Dr Harsh Vardhan hold a meeting with Delhi LG Anil Baijal & CM Arvind Kejriwal along with members of State Disaster Management Authority to review the situation in the capital regarding #COVID19. pic.twitter.com/ooIv2n2cYO
— ANI (@ANI) June 14, 2020
11.00AM: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गृह मंत्रालय पहुंच चुके हैं
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal arrives at Ministry of Home Affairs, for meeting with Union Home Minister Amit Shah and Health Minister Dr Harsh Vardhan over #COVID19 situation in the national capital. pic.twitter.com/N8INlGBjUe
— ANI (@ANI) June 14, 2020
10.47AM: गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के अधिकारी दिल्ली में कोविड-19 प्रबंधन पर हाई प्रोफाइल मीटिंग के लिए नॉर्थ ब्लॉक पहुंच चुके हैं. एम्स के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे. गृह सचिव अजय भल्ला भी पहुंच चुके हैं.
10.45AM: गृहमंत्री अमित शाह की बैठक के लिए अरविंद केजरीवाल घर से निकल चुके हैं. उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद हैं. वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल नॉर्थ ब्लॉक पहुंच चुके हैं. वहीं इस मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहुंच चुके हैं.
मेयरों के साथ भी करेंगे बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने शाम पांच बजे एक और बैठक बुलाई है. कोरोना हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की यह दूसरी बैठक होगी. इसमें दिल्ली नगर निगम के सभी मेयर रहेंगे. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली के उप राज्यपाल इस बैठक में शामिल होंगे. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी होंगे.
लगातार बढ़ रहे कोरोना केस
गृह मंत्री ने यह बैठक ऐसे समय बुलाई है, जब दिल्ली में रोजाना कोरोना के मामले 2 हजार से ऊपर आने लगे हैं. शनिवार के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में एक दिन में 2134 नए कोरोना मरीज मिले. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 38,958 हो चुकी है. दिल्ली में इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 1271 लोग जान गंवा चुके हैं. एक अच्छी बात यह है कि दिल्ली में अब तक 14945 मरीजों का इलाज किया जा चुका है.
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दिल्ली उन राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना के हालात गंभीर बने हुए हैं. यहां तक कि इस मामले में कोर्ट तक को दखल देना पड़ा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर और अस्पतालों में बेड बढ़ाए जाएं. कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की थी.
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सुनवाई के समय दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली में 9,179 बेड अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए हैं. बाकी बेड अस्पताल में किसी भी आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए खाली हैं.
सुप्रीम कोर्ट लगा चुका है फटकार
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्रवार को दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगी थी. कोरोना वायरस के बढ़ते संकट, अस्पतालों की स्थिति, शवों के साथ बर्ताव को लेकर अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. अदालत का कहना था कि दिल्ली में जिस तरह से शवों का रखरखाव हो रहा है, वो काफी दुखी करने वाला है.
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सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दिल्ली में शवों के रख-रखाव की हालत भी काफी खराब है. परिवार के लोगों को मौत की जानकारी नहीं दी जा रही है.