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कोरोना से कितनी मौत? दिल्ली सरकार और एमसीडी में फिर उभरे मतभेद

सूत्रों की मानें तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 12 अप्रैल से 16 मई तक के कोरोना प्रोटोकॉल से हुए अंतिम संस्कार के आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार दक्षिणी दिल्ली में 301 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. इसमें पंजाबी बाग श्मशान घाट में 170 और आईटीओ कब्रिस्तान में 130 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है.

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दिल्ली सरकार ने निगमों से मांगा मौत का आंकड़ा (फाइल फोटो-PTI)
दिल्ली सरकार ने निगमों से मांगा मौत का आंकड़ा (फाइल फोटो-PTI)

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  • दक्षिणी दिल्ली में 301 शवों का अंतिम संस्कार
  • आईटीओ कब्रिस्तान में दफनाए गए 130 शव

राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से हुई मौतों के आंकड़े का विवाद एक बार फिर से सामने आ गया है. दिल्ली सरकार ने चिट्ठी लिखकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा है कि उनके इलाके में कोरोना से हुई मौतों में अब तक कितने लोगों का अंतिम संस्कार हुआ और कितनों को कब्रिस्तान में दफन किया गया है. दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंघला ने चिट्ठी लिखकर जानकारी मांगी है.

जानकारी के अनुसार दोनों नगर निगम ने दिल्ली सरकार को जवाब दे दिया है. सूत्रों की मानें तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 12 अप्रैल से 16 मई तक के कोरोना प्रोटोकॉल से हुए अंतिम संस्कार के आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार दक्षिणी दिल्ली में 301 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. इसमें पंजाबी बाग श्मशान घाट में 170 और आईटीओ कब्रिस्तान में 130 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है. जबकि मदनपुर खादर श्मशान घाट में एक शव का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ है. निगम के मुताबिक ये सभी लोग कोरोना संभावित और पॉजिटिव थे.

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वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी दिल्ली सरकार को अपना जवाब दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक उत्तरी नगर निगम ने 14 मई तक 230 लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार का डेटा दिया है. ऐसे में दोनों नगर निगम ने अब तक 531 लोगों का डेटा दिल्ली सरकार को सौंपा है जिनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ है.

दरअसल सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार आंकड़ों को लेकर हो रहे विवाद को रोकना चाहती है और सही डेटा जारी करने के लिए उसने सभी निगमों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है. हालांकि बीते दिनों दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने नगर निगम के इस आंकड़ों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया था.

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