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शादी समारोह में जगदीश टाइटलर पर हमला करने वाला सिख युवक जमानत पर रिहा

कांग्रेस नेता और 1984 सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर पर दिल्ली में एक शादी समारोह के दौरान हमला करने वाले सिख युवक को जमानत पर रिहा कर दिया गया है.

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कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की फाइल फोटो
कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की फाइल फोटो

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कांग्रेस नेता और 1984 सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर पर दिल्ली में एक शादी समारोह के दौरान हमला करने वाले सिख युवक को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. शनिवार को युवक सहज उमंग सिंह भाटिया ने टाइटलर को समारोह के दौरान पहले जहां अपशब्द कहा, वहीं इसके बाद उन पर ग्‍लास फेंककर मारा था. हालांकि, इस घटना में कांग्रेस नेता को कोई चोट नहीं आई.

घटना के फौरन बाद युवक को गिरफ्तार कर लिया गया था. रविवार को स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने युवक को जमानत दे दी. घटना शनिवार को महरौली इलाके की है. समारोह में मौजूद लोगों ने बताया कि शादी समारोह के दौरान सहज उमंग ने जैसे ही टाइटलर को देखा, उन पर चीखने लगा और गालियां देने लगा. युवक ने चिल्लाते हुए कांग्रेस नेता से पूछा, 'इस शादी में आने की तुम्हारी हिम्‍मत कैसे हुई?' इसके बाद सिंह ने कांग्रेस नेता पर ग्‍लास फेंककर मारा.

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गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को ही दिल्‍ली की एक अदालत ने 1984 दंगों के मामले में क्‍लोजर रिपोर्ट को स्‍वीकार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ दंगों के मामले में दर्ज केसों की और जांच करने के लिए कहा. इस क्‍लोजर रिपोर्ट में टाइटलर को क्‍लीनचिट दी गई थी.

कोर्ट ने दिए नए सिरे से जांच के आदेश
दिल्‍ली की एक अदालत ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ नए सिरे से जांच शुरू करने का आदेश दिया. एडिश्‍नल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्‍ट्रेट एसपीएस लालेड़ ने शुक्रवार को सीबीआई की ओर से पेश की गई क्‍लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया. सीबीआई ने अपनी क्‍लोजर रिपोर्ट में टाइटलर को क्‍लीन चिट दी थी, जिसे कोर्ट ने स्‍वीकार करने से इनकार कर दिया.

साल 1984 के दंगों में दिल्‍ली की सड़कों पर करीब 3000 लोगों का कत्‍लेआम कर दिया गया था. सीबीआई ने अदालत से कहा कि उत्‍तरी दिल्‍ली के पुलबंगश स्थित गुरुद्वारे में हमले से टाइटलर का कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए पीड़ि‍त की याचिका खारिज कर दी जाए. सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया था कि 01 नवंबर 1984 को जब गुरुद्वारे पर हमला किया गया था, तब टाइटलर वहां थे ही नहीं. गुरुद्वारे पर हुए हमले में 3 सिख मारे गए थे.

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