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संसद सुरक्षा चूक मामला: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जांच के लिए दिया 13 और दिन का समय

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई थी. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान संसद की  गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गया था रंगीन स्मोक कैन छोड़कर नारे लगाए थे.

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संसद में सुरक्षा चूक मामले की जांच के लिए पुलिस को मिला और समय (फाइल फोटो)
संसद में सुरक्षा चूक मामले की जांच के लिए पुलिस को मिला और समय (फाइल फोटो)

दिल्ली की एक कोर्ट ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में अपना आवेदन पूरा करने के लिए दिल्ली पुलिस को शुक्रवार को और समय दे दिया है. एडिशनल सेशन्स जज हरदीप कौर ने पुलिस को आवेदन पर 13 दिन का और समय दिया क्योंकि कुछ रिपोर्टों की प्रतीक्षा की जा रही थी और डिजिटल डेटा भारी मात्रा में था. पुलिस ने जज से जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय और देने का आग्रह किया था.

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बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई थी. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान संसद की  गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गया था रंगीन स्मोक कैन छोड़कर नारे लगाए थे.

बाद में उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया था. उसी समय, दो अन्य आरोपी शिंदे और आजाद ने भी संसद परिसर के बाहर "तानाशाही नहीं चलेगी" चिल्लाते हुए स्मोक कैन का इस्तेमाल किया था.

तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था

लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है. इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है. विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं. इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है. मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है. इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है. विजिटर गैलरी में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है.

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