हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बेटे अभय चौटाला के खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति के मामले में बार-बार कुछ कागजात दायर करने की इजाजत मांगना सीबीआई को भारी पड़ गया. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआई पर इस मामले में पांच हजार जुर्माना लगा दिया है.
कोर्ट ने एडिशनल डाक्यूमेंट्स जमा करने की सीबीआई की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष का अधिकार पूर्ण नहीं है. यह अधिकार चार्ज शीट दायर करने के साथ जुड़ा है. कोर्ट ने कहा कि यह चौथी अर्जी है, जब जांच एजेंसी ने कुछ कागजात जमा कराने की इजाजत मांगी है. कोर्ट ने कहा कि केस की किसी भी स्टेज पर इस तरह की इजाजत बार-बार नहीं मांगी जा सकती है.
अगर यह कागजात केस के लिए जरूरी थे तो पहले इन पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? सीबीआई एक प्रीमियर जांच एजेंसी है. ऐसे में उसे चाहिए कि मामले से जुड़े सारे कागजात चार्जशीट के साथ जमा करें. इस तरह कुछ कागजात बार-बार जमा करने की इजाजत एक या दो बार ही कोर्ट से ली जा सकती है. कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि जुर्माने की राशि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के पास जमा करा दें. साथ ही निर्देश दिया है कि मामले में सामने आए नए कागजात की कॉपी आरोपी को भी दे दें.
इस मामले में सीबीआई ने एक अर्जी लगाकर कुछ कागजात जमा करने की इजाजत मांगी थी. अभय चौटाला की तरफ से इस मांग का विरोध किया गया था. वहीं कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को अनुमति दे दी है कि वह नए कागजात के संबंध में उन गवाहों से फिर से जिरह कर सकता है, जिनकी गवाही हो चुकी है.