पिछले साल 16 दिसंबर की गैंगरेप की वारदात के मामले में अदालत ने चार लोगों को दोषी करार तो दिया ही है, साथ ही मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की प्रशंसा भी की है. अदालत ने पुलिस द्वारा विशेष वैज्ञानिक तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रशंसा की.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने मामले में 237 पन्नों के अपने फैसले में कहा, ‘अंत में मैं इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी समझता हूं कि दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच में पेशेवर सूझबूझ का इस्तेमाल किया और खासतौर पर उन्होंने जिस तरीके से वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि अन्य सभी मामलों में इसे दोहराया जाएगा.’ अदालत की टिप्पणी का जिक्र करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण पश्चिम) विवेक गोगिया ने कहा कि मामले ने सुव्यवस्थित तरीके से साक्ष्यों को एकत्रित करने के नए अध्याय की शुरुआत की है.
उन्होंने कहा कि 23 वर्षीय छात्रा के परिवार से उन्होंने मुलाकात की है और परिजनों ने भी मामले की जांच के तरीके पर संतोष जताया है.
जांच में अहम भूमिका निभाने वाले गोगिया ने कहा, ‘इस मामले में हमने चार स्तरों पर साक्ष्य जुटाये. पहला अदालत में पहचान का, दूसरा मजिस्ट्रेट के समक्ष पहचान का, तीसरा तकनीकी डाटा के माध्यम से पहचान का और चौथा वैज्ञानिक डाटा के जरिये पहचान का.’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गृह मंत्रालय के प्रयासों की भी सराहना की, जिसने सिंगापुर से साक्ष्य लाना सुनिश्चित किया और अदालत में उन्हें पेश किया.