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देह व्‍यापार के केस में दिल्‍ली पुलिस को फटकार

अदालत ने पुलिस के इस रवैए पर नाराजगी जाहिर की है कि वह जीबी रोड रेड लाइट इलाके में देह व्यापार और मानव तस्करी के लिए जिम्मेदार असली अपराधियों को बेनकाब नहीं करती है.

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दिल्‍ली पुलिस
दिल्‍ली पुलिस

अदालत ने पुलिस के इस रवैए पर नाराजगी जाहिर की है कि वह जीबी रोड रेड लाइट इलाके में देह व्यापार और मानव तस्करी के लिए जिम्मेदार असली अपराधियों को बेनकाब नहीं करती है.

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तीस हजारी कोर्ट में एडिश्नल सेशन जज कावेरी बावेजा ने जीबी रोड रेड लाइट इलाके में चल रहे कोठों के असली मालिकों को न तलाश पाने के लिये दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है पुलिस देह व्यापार के लिये कोठा चलाने वालों को शह दे रही है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पुलिस मानव तस्करी और देह व्यापार करने वाले असली अपराधियों को गिरफ़्तार करने के लिये कोई खास कोशिश नहीं करती. इसी वजह से ऐसे अपराध करने वाले असली चेहरे बेनकाब नहीं हो पाते, जिन्हें इस गोरखधंधे की पूरी जानकारी होती है.

कोर्ट ने मानव तस्करी और देह व्यापार का काला कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है. लड़कियों से जबरदस्ती देह व्यापार कराने की आरोपी पुष्पा नाम की एक महिला को बरी करते हुए कोर्ट ने ये बातें अपने फैसले में कहीं.

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कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले व दूसरे कई मामलों में कमला मार्केट पुलिस की कारगुज़ारी को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि फैसले की एक कॉपी पुलिस कमिश्नर को भी भेजी जाये. पुलिस कमिश्नर यह तय करेंगे कि आगे इस तरह के मामलों में जो चार्जशीट दाखिल हों, वो पुख्ता हों, ताकि मानव तस्करी और देह व्यापार जैसे अपराध करने वाले असली लोगों को सजा मिल सके और ऐसे अपराधों पर लगाम लग सके.

न सिर्फ़ निचली अदालत, बल्कि दिल्ली हाईकोर्ट भी इस तरह के अपराधों की रोक-थाम के लिये पुलिस को कई बार पहले भी निर्देश दे चुकी है. लेकिन ताजा फैसला बताता है कि ऐसे अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये पुलिस कितनी गंभीर है.

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