दिल्ली की एक अदालत ने देश के चार करोड़ से अधिक लोगों को 'अन्ना एसएमएस कार्ड' बेचकर कथित तौर पर धोखा देने के मामले में अन्ना हजारे और उनके पूर्व सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.
आरोप हैं कि एसएमएस कार्ड की सेवा वायदे के मुताबिक एक साल तक दी जानी थी लेकिन यह पहले ही समाप्त कर दी गयी और लोगों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाये गये. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने संसद मार्ग थाने के थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि शिकायत को देखें और 30 नवंबर को अगली सुनवाई के दिन कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल की जाए.
अदालत के निर्देश दिल्ली निवासी रूमल सिंह की आपराधिक शिकायत पर आये हैं. रूमल सिंह का आरोप है कि वह अन्ना हजारे और उनके अन्य साथियों द्वारा चलाये गये इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) आंदोलन से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि अन्ना, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास, संजय सिंह, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय पहले साथ थे और बाद में अलग हो गये. केजरीवाल और उनके साथियों ने बाद में आम आदमी पार्टी बनाई. आरोप है कि उन्होंने बाद में कथित तौर पर निजी कंपनियों के साथ मिलकर चार करोड़ से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी की.
रूमल ने कहा कि फरवरी 2012 में शुरू किये गये एसएमएस कार्ड का मकसद था कि लोगों एक साल तक हजारे के आंदोलन की गतिविधियों की जानकारी मिलती रहे. हालांकि संगठन के सदस्यों की ओर से बिना कोई उचित वजह बताए एसएमएस सेवा समाप्त करने का आरोप है. रूमल सिंह ने वकील शैलेंद्र प्रताप सिंह के माध्यम से दाखिल शिकायत में कहा, 'आप पार्टी ने इन एसएमएस कार्ड की बिक्री के जरिये अवैध तरीके से 100 करोड़ रुपे से ज्यादा कमाये और चार करोड़ से ज्यादा आम लोगों को धोखा दिया.'
याचिकाकर्ता का आरोप है कि केजरीवाल को सेवा समाप्त होने के बारे में सूचित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जानकारी होने के बावजूद सेवा फिर से शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.