आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली में पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने भाजपा शासित नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में भाजपा की एमसीडी के अस्पतालों में लगभग 3400 से 3500 बेड होने के बावजूद उन्होंने कोविड के मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है. भाजपा ने अपने बालक राम अस्पताल को कोविड सेंटर के रूप में घोषित किया था और 150 से 200 बेड रिजर्व किए थे.
अस्पताल को लेकर आप बनाम बीजेपी
बालक राम अस्पताल के व्हाट्सएप ग्रुप में इनके डॉक्टर ने लिखा कि उनको उच्च अधिकारीयों से ऑर्डर आया है कि अब अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा. दुर्गेश पाठक ने इसे एक क्रिमिनल एक्ट बताते हुए कहा कि अगर आप बेड बढ़ा नहीं सकते हैं तो उन्हें घटाइए भी नहीं, अपने अस्पताल बंद मत करिए. आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए भाजपा की एमसीडी से अस्पताल को जारी रखने और व्यवस्थाओं को और बेहतर करने की मांग की है.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि पूरी दिल्ली एकजुट होकर इस कोरोना के महाकाल से लड़ रही है. आज दिल्ली सरकार अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में पूरा स्वास्थ्य विभाग और जितनी भी एजेंसियां हैं, सभी सरकार के साथ मिलकर लगातार बेड बढ़ाने का काम कर रहे हैं. जीटीबी अस्पताल और एलएनजेपी में आईसीयू को सेटअप किया, नए कोविड सेंटर बढ़ा रहे हैं. कोशिश यही है कि एक भी दिल्ली वाला बिना इलाज के ना रहे. बहुत सारे एनजीओ, बहुत सारे मस्जिद, मंदिर और गुरुद्वारों ने भी मदद की है, बहुत सारे व्यापारियों ने भी कहा कि भाई साहब हमारा पूरा एक घर खाली है इसको आप अपना कोविड सेंटर बना लीजिए. बहुत सारे लोग इधर-उधर से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इंतजाम कर रहे हैं और मरीजों को दे रहे हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी दिल्लीवालों के साथ युद्ध लड़ रही है. इन्होंने दिल्ली के संघर्ष में आज तक एक भी काम ऐसा नहीं किया है कि जिससे दिल्लीवालों का बचाव हो सके.
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भाजपा की एमसीडी पर आप हमलावर
उन्होंने कहा, दिल्ली में भाजपा की एमसीडी के अस्पतालों में लगभग 3400 से 3500 बेड हैं. हमने कई बार प्रेस वार्ता की, कम से कम चार बार प्रेस वार्ता की और मीडिया के माध्यम से आप लोगों ने दबाव बनाया तब जाकर इन्होंने 300 से 400 बेड कोविड के लिए रिज़र्व किया. उसमें भी इन्होंने आधे से ज्यादा बेड पर कभी किसी मरीज को भर्ती नहीं किया. इन्होंने अलग-अलग कारण बताकर मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया. आपने देखा होगा इन्होंने अपने अस्पतालों का इतना बुरा हाल कर रखा है कि वहां से 21 मरीज निकल कर भाग गए.
पाठक ने कहा कि आज इन्होंने जिस काम की शुरुआत की है वह एक क्रिमिनल एक्ट है. इनके पास 3400 से 3500 बेड हैं, इन्होंने अपने बालक राम अस्पताल को कोविड सेंटर के रूप में घोषित किया था और 150 से 200 बेड रिजर्व किया था कि उसमें कोविड के मरीज भर्ती किए जाएंगे. लेकिन बिना किसी आर्डर के, बिना किसी जानकारी के उस अस्पताल को सिर्फ मौखिक रूप से कहा गया कि अब आप इसमें कोविड मरीज लेना बंद कर दीजिए. अब बालक राम अस्पताल कोविड मरीज नहीं लेगा. इसको लेकर कोई आर्डर नहीं लिखा गया लेकिन बालक राम अस्पताल का जो व्हाट्सएप ग्रुप है, उसमें जो इनके डॉक्टर हैं उन्होंने लिखा कि उनको उच्च अधिकारियों से ऑर्डर आया है कि बालक राम अस्पताल में अब किसी भी मरीज को भर्ती नहीं करना है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली वाले लगातार संघर्ष कर रहे हैं, मान लीजिए कि दो-चार दिन से मामले गिरे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोविड खत्म हो गया है. हमें अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करना चाहिए जिससे हम इस कोविड की स्थिति से अच्छे से लड़ सकें. ऐसे में चोर दरवाजे से अस्पताल को बंद करना एक क्रिमिनल एक्ट से कम नहीं है.
दिल्ली में कोरोना कम, बाजार खोलने की मांग
वैसे कोरोना राजधानी में अभी खत्म तो नहीं हुआ है, लेकिन कम होते मामलों के बीच अब सरकार से लॉकडाउन में ढिलाई देने की अपील की जा रही है. इसी कड़ी में कनॉट प्लेस के व्यापारी संगठन ने रोजगार को बचाने के लिए बाजार को व्यवस्थित तरीके से खोलने की बात कही है. साथ ही सरकार पर व्यापारी वर्ग पर उचित ध्यान न देने की बात कही है.