स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के रोहिणी स्थित आश्रम में महिलाओं और लड़कियों को बंधक बनाकर रखने के मामले में हाइकोर्ट बेहद सख्त रवैया अपनाया है. वहीं इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी लगातार स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित और उसकी संस्था आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी पर एक्शन की मांग कर रही है.
सीबीआई ने तीन मामले दर्ज किए हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही करते हुए एजेंसी ने इन मामलों की जांच के लिए अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की है. वहीं इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल का कहना है कि विजय विहार आश्रम मे जो कुछ चल रहा है वो सन्देह पैदा करता है. मालिवाल ने कहा कि यूजीसी से कहकर आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के आगे से यूनिवर्सिटी को हटाया जाए. मालिवाल ने कहा कि जब इंस्पेक्शन किया गया कि उस वक़्त वहां के लोगों ने बताया कि मोहन गार्डन से 60 लड़कियों को निकाल दिया गया है.
आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के वकील ने कहा कि उन्हें ब्रह्मकुमारी संस्थान बदनाम कर रहा है. ये याचिका भी उनके संस्थान को बदनाम करने के लिए ब्रह्मकुमारी की तरफ से ही लगवाई गयी है. कोर्ट ने कहा कि अगर लड़कियों के साथ अगर आप ऐसा व्यवहार कर रहे हो तो अच्छा है कि आपके खिलाफ कोर्ट में ये याचिका लगाई गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने विजय विहार की संचालिका रुचि गुप्ता को एक हफ़्ते मे अपना जवाब कोर्ट मे देने को कहा है. इसमें उसे बताना होगा कि लड़कियों को इस तरह क्यों रखा गया. कोर्ट ने इंस्पेक्शन टीम को भी 2 हफ़्ते मे अपनी विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें 8 जगहों की जांच में क्या क्या मिला.
बाबा के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों को क्या सच मे नहीं पता की बाबा कहां है? क्या हम बाबा के ख़िलाफ़ नॉन बेलेबल वारेन्ट जारी करें? कोर्ट फटकार लगाते हुए कहा कि क्या बाबा खुद कोर्ट के आदेश से ऊपर समझने लगा है? कोर्ट ने वीरेंद्र देव दीक्षित के वकील से पूछा कि जब कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर बाबा को पेश होने को कहा था फिर क्यों वो आज कोर्ट मे पेश नहीं हुआ है?
कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि जो माइनर लड़किया आश्रम से ग़ायब हैं और परिवार के ढूढ़ने के बाद भी वो नहीं मिल रही है. ऐसे मामलों में सीबीआई बाबा और आश्रम के ख़िलाफ़ किडनैपिंग का मामला दर्ज करे. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम सोच भी नहीं पा रहे है कि 21वीं सदी में दिल्ली में एक ऐसा आध्यात्मिक आश्रम चल रहा है, जिसमें अमानवीय तरीक़े से लड़कियों को पिंजरे मे ऱखकर बंद रखा जा रहा है.
आध्यात्मिक जगहों पर आजादी दी जाती है. खुली हवा दी जाती है, खुला सूरज देखने को मिलती है. इस तरह से बंद करके नहीं रखा जाता. इस आश्रम में लड़कों को क्यों नही रखा जाता? सिर्फ़ लड़कियों को ही बंधक बनाकर रखा जाता है.
कोर्ट ने कहा कि आप लोगों ने माइनर लड़कियों को बंधक बनाकर रखा है. आपसे गलती हुई है,मानिए और उन्हें स्वतंत्र कीजिये. कोर्ट अगली सुनवाई 5 फरवरी को करेगा. बाबा वीरेंद्र देव के आश्रम को लेकर इंस्पेक्शन टीम ने कहा कि करीब 48 लड़कियों को रिकवर किया है. टीम ने बताया कि ज्यादातर लड़कियों को अपने एड्रेस नहीं पता हैं और लंबे समय से परिवार से उनका कोई संपर्क नहीं रहा है. कोर्ट ने कहा कि किसी भी हालत भी कोर्ट ये स्वीकार नहीं कर सकता कि महिलाओं और लड़कियों को पिंजड़े में रखा जाए.