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दिल्ली: काली पट्टी बांध कर विरोध करते रहेंगे DAS और स्टेनो कर्मचारी

दिल्ली सचिवालय के ऑडिटोरियम में बुलाई गई गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में कर्मचारी सीएस के समर्थन में एकत्रित हुए और काली पट्टी बांधकर घटना पर विरोध जताया.

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कर्मचारियों ने बुलाई गवर्निंग बॉडी की मीटिंग
कर्मचारियों ने बुलाई गवर्निंग बॉडी की मीटिंग

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दिल्ली में मुख्य सचिव (सीएस) अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा. दास और स्टेनो कैडर के कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाली दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने घोषणा की है कि चीफ सेक्रेटरी से माफी नही मांगे जाने तक सरकारी कर्मचारी रोष जताते रहेंगे और काली पट्टी बांधकर विरोध करते रहेंगे.

दिल्ली सचिवालय के ऑडिटोरियम में बुलाई गई गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में कर्मचारी सीएस के समर्थन में एकत्रित हुए और काली पट्टी बांधकर घटना पर विरोध जताया.

एसोसिएशन अध्यक्ष डीएन सिंह ने कहा कि हालांकि 22 फरवरी को दिल्ली सरकार के दास और स्टेनो कैडर के कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर धरना देने का कार्यक्रम पहले से ही घोषित था, लेकिन चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ हुई हाथापाई, मारपीट और बदसलूकी की घटना के बाद सुनियोजित कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया.

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उन्होंने कहा कि इसके चलते धरना को स्थगित कर मीटिंग में तब्दील किया गया. अब कर्मचारी अपनी मांगों को चीफ सेक्रेटरी के मामले के सुलझने के बाद ही उठाएंगे. सबसे पहले अपने मुखिया के सम्मान को वापस दिलाने के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे. उसके बाद अपनी मांगों को प्रशासनिक स्तर पर जोर-शोर से उठाएंगे.

एसोसिएशन महासचिव दीपक भारद्वाज ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार ने दिल्ली में अराजकता का माहौल पैदा कर दिया है. चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट कर सकते हैं तो दूसरे कर्मचारियों की सिक्योरिटी की गारंटी कहां रह जाती है.

भारद्वाज ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए. दास और स्टेनो कैडर के कर्मचारी को हर प्रकार की स्थिति में काम करना होता है. इस तरह की घटना के बाद कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया है. डर के वातावरण में काम करना मुश्किल हो गया है.

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