उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मासूम के साथ की गई दरिंदगी को लेकर देश का हर तबका गुस्से में हैं. सोमवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की है. अलीगढ़ हत्या के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
स्वाति मालीवाल ने अलीगढ के दोषियों को 2 महीने के अन्दर फांसी की सज़ा देने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने अपराध संशोधन कानून 2018 को प्रभावी तरीके से लागू करने और पर्याप्त संख्या में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाने की भी मांग की.
इससे पहले स्वाति मालीवाल ने ट्विटर पर कहा था, 'ढाई साल की बेटी के साथ बलात्कार के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. आंखें निकाल ली गईं. सरकार ने आरोपी को गिरफ्तार किया लेकिन क्या यह पर्याप्त है? जहां पर निर्भया को अभी तक न्याय नहीं मिला है, ऐसे में इस बच्ची को न्याय मिल पाएगा, इसकी क्या आशा है? मौत की सजा का कानून बनाया गया है, फिर भी लागू किया जाना है.'
क्या है पूरा मामला
अलीगढ़ के टप्पल में मासूम बच्ची के साथ जिस हद तक दरिंदगी की गई, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैवानियत की पूरी कहानी सामने आई है. यह बच्ची 30 मई को लापता हुई थी. अगले दिन माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
2 जून को घर से कुछ ही दूरी पर बच्ची कूड़े के ढेर से मिली, जिसे कुत्ते नोंच रहे थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची की दोनों आंख डैमेज थीं. रीढ़ की सारी हड्डियां टूटी थीं. छाती पर जख्म थे. सिर की हड्डियां टूटी हुई थीं. सीधा हाथ कटा हुआ था. उसे जिस्म पर तेजाब भी डाला गया था. शरीर पर कुत्तों के नोंचे और काटे जाने के निशान थे.
क्यों की गई थी हत्या
जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो दिल कंपा देने वाले खुलासे हुए. जाहिद ने बच्ची के पिता से पैसे उधार लिए थे. जब उसने पैसे लौटाए तो उसमें 5 हजार रुपये कम थे. इस बात पर दोनों का झगड़ा हो गया. जाहिद को यह बात इतनी चुभ गई कि उसने बच्ची के पिता को सबक सिखाने का फैसला किया. 30 मई को उसने बच्ची को अगवा कर दिया. इसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी और लाश को घर के अंदर भूसे के नीचे छिपा दिया.