मानव तस्करी का अड्डा बने जीबी रोड में सेक्स वर्करों की पुर्नवास योजना में हो रही देरी से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल नाराज हैं.
मालीवाल की चिट्ठी
इस सिलसिले में मालीवाल ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी डॉ. एम एम कुट्टी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में मालीवाल ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले डेढ़ साल में कई बार जीबी रोड़ के वेश्यालयों का दौरा किया है. उनके मुताबिक यहां रहने वाली 4 हजार से ज्यादा महिलाएं शारीरिक शोषण का शिकार हैं लेकिन महकमा इनके सरोकारों को लेकर संजीदा नहीं है.
फाइलों में अटका पुनर्वास
कुछ दिन पहले स्वाति मालीवाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग से मानव तस्करी की शिकार महिलाओं के पुनर्वास को लेकर जानकारी मांगी थी. विभाग ने जवाब दिया कि पुनर्वास योजना अभी शुरू नहीं हुई है. विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसे लेकर जीबी रोड में सर्वे किया जाना बाकी है. गौर करने लायक बात ये है कि इस मामले में अक्टूबर 2015 में हुई मीटिंग में महिला एवं विकास विभाग ने कहा था कि इस सर्वे के बाद ही पुनर्वास की योजना को अमली जामा पहनाया जा सकता है. लेकिन इस ओर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
महिला आयोग की मांग
लिहाजा दिल्ली महिला आयोग ने चीफ सेक्रेटरी से गुजारिश की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए ट्रैफिकिंग विक्टिम और सेक्स वर्कर्स के लिए पॉलिसी बनवायें. महिला आयोग की मांग है कि पुनर्वास योजना बनाने में देरी के लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो. साथ ही जीबी रोड में रह रहे बच्चों के पुनर्वास के लिए स्टेट लेवल को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग बुलाने पर जल्द फैसला हो. इससे पहले सात बार कमेटी की बैठक स्थगित की जा चुकी है.