दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने अपने दिन-रात काम करने के आंदोलन की चौथी रात 3 बजे तक दिल्ली के अलग- अलग एरिया में बने शौचालयों का औचक निरीक्षण किया. रात के करीब 9:30 बजे आयोग की अध्यक्ष डीटीसी बस रूट नंबर 308 में बैठकर कल्याणपुरी पहुंची. रास्ते में उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा बस में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात मार्शल से भी बात की. इसके अलावा उन्होंने यात्रियों से भी बस में यात्रा के दौरान सुरक्षा के बारे में पूछा.
डीसीडब्ल्यू चीफ त्रिलोकपुरी के पास स्थित चिल्ला गांव में बने शौचालय का निरीक्षण करने पहुंची तो पता चला कि ये शौचालय दिल्ली नगर निगम का है. इस शौचालय में महिलाओं के लिए बने टॉयलेट से एक व्यक्ति निकल रहा था, जबकि पुरुषों के लिए बना टॉयलेट बंद था. रात के समय इस शौचालय को बंद कर दिया जाता है. आसामाजिक तत्व रात के समय इस शौचालय में शराब पीते हैं. इसके बाद स्वाति जयहिंद चिल्ला गांव के दूसरे छोर पर बने शौचालय का निरीक्षण करने पहुंची. यह शौचालय भी बंद मिला. इस शौचालय का रखरखाव भी नगर निगम द्वारा किया जाता है. इन शौचालयों में स्टाफ की बहुत कमी थी, जिस वजह से वहां बहुत गंदगी थी.
इसके बाद डीसीडब्ल्यू चीफ त्रिलोकपुरी के ब्लॉक 27 में बने शौचालय का निरीक्षण करने पहुंचीं. यह शौचालय बंद पड़ा था और कभी खोला ही नहीं गया था. आगे बढ़ते हुए संजय कैप में बने शौचालय का भी डीसीडब्ल्यू चीफ ने निरीक्षण किया. यह शौचालय दिल्ली सुधार आश्रय बोर्ड का था. यहां बने शौचालय में गंदगी थी और वहां मौजूद चौकीदार ने बताया कि रात के समय आवारा किस्म के लोग यहां आ जाते हैं जो लूटपाट करते हैं, इसलिए वह शौचालय बंद कर देता है. अंत में डीसीडब्ल्यू चीफ ने इंद्रा कैप में बने शौचालय का निरीक्षण किया. यह शौचालय भी बंद पड़ा था. उन्होंने पाया कि इन शौचालयों के पास स्लम एरिया है और शौचालय बंद होने की वजह से महिलाओं को सड़क पर शौचालय के लिए जाना पड़ता है और उनके साथ रेप की घटनाएं होती हैं. रात के करीब 3 बजे शौचालय का निरीक्षण करने के बाद आयोग की अध्यक्ष वापस अपने आफिस में आ गई.
गौरतलब है कि छोटी बच्चियों के रेपिस्टों को 6 महीने के अंदर फांसी की सजा दिलाने के लिए सरकारों से एक प्रारूप तैयार करने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष का सत्याग्रह जारी है. डीसीडब्ल्यू चीफ दिन-रात काम करके अपना सत्याग्रह कर रही हैं. पिछले चार दिनों से वह घर नहीं गई है, बल्कि दिन में ऑफिस और रात के समय फील्ड में विजिट करके अपना विरोध दर्ज करवा रही हैं.
बंद शौचालयों पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि रात के समय ही अधिकतर महिलाएं घरों से निकलकर सार्वजनिक शौचालयों में जाती हैं और रात के समय ही शौचालय बंद कर दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ देश में खुले में शौच बंद करने को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में शौचालयों बंद पड़े हैं. ऐसे में ये अभियान सिर्फ जुमले बनकर रह जाएंगे.
डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति जयहिंद ने कहा कि बंद शौचालयों पर वे एक रिपोर्ट तैयार कर रही हैं जिसे दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के पास भेजेंगी ताकि शौचालयों रात के समय खोला जाए और उनको साफ सुथरा रखा जाए.