देश में बच्चियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा और फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसी अन्य मांगों को लेकर 10 दिन तक अनशन करने वाली स्वाति मालीवाल की तबीयत अचानक बिगड़ गयी है. रविवार 22 अप्रैल को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति ने जूस पीकर अनशन तोड़ा था. फिलहाल इलाज के लिए वो प्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लेंगी.
स्वाति मालीवाल को इलाज के लिए देहरादून के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया है. सोमवार 23 अप्रैल की शाम से शुरू होने वाला यह प्राकृतिक इलाज करीब एक हफ्ते तक चलेगा. अनशन की वजह से स्वाति मालीवाल का वजन करीब 7 किलो तक घट गया है. साथ ही शरीर में कमजोरी भी काफी बढ़ गयी है.
रेप रोको आंदोलन से जुड़ी टीम के मुताबिक देहरादून के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में सोमवार शाम से ही स्वाति मालीवाल की देखरेख की जा रही है. इस दौरान उन्हें नारियल पानी, दाल का पानी और फिर आने वाले दिनों में धीरे-धीरे खाना दिया जाएगा. आंदोलन से जुड़े समर्थकों ने स्वाति की सेहत में सुधार लाने के लिए प्रार्थना की अपील की है.
रविवार 22 अप्रैल को मालीवाल ने 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा सहित ऐसे अपराधों में कड़ी सजा के प्रावधान संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति की उद्घोषणा के बाद अनशन खत्म कर दिया था. अध्यादेश पर जनता को बधाई देते हुए स्वाति कह चुकी हैं कि कम वक्त में इतना कुछ हासिल हो पाता है.
अनशन समाप्ती पर स्वाति ने खुद को प्रधानमंत्री की जिद्दी बेटी बताया था. अनशन तोड़ने के बाद स्वाति ने कहा था कि रोजाना कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार हो रहा है. मैंने पत्र लिखे, नोटिस जारी किए, मैंने नागरिकों द्वारा लिखे गए 5.5 लाख पत्र प्रधानमंत्री को सौंपे, लेकिन कुछ नहीं हुआ. थक हार कर अनशन पर बैठी. बगैर रणनीति के धीरे-धीरे पूरे देश में लोग आंदोलन से जुड़ते गए, उसे इतना बल मिला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत लौटने के बाद कानून में संशोधन करना पड़ा.
अनशन तोड़ने से पहले स्वाति मालीवाल ने एलान किया था कि अगर 3 महीने के भीतर फास्ट ट्रैक कोर्ट और बलात्कारियों को फांसी देने का कानून लागू नहीं किया जाता है तो वो दोबारा आंदोलन करेंगी.