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DCW चीफ का MCD स्कूलों में दौरा, नहीं मिला पीने का पानी, शौचालयों में पड़े थे ताले, आयुक्त को नोटिस जारी

DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में 20-21 मई को एक टीम ने MCD के 4 स्कूलों का निरीक्षण किया था. इन स्कूलों में कई कमिया पाई गईं, इसको लेकर नगर निगम को नोटिस जारी किया गया है.

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स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)
स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • DCW ने किया MCD स्कूलों का निरीक्षण
  • स्कूलों में नहीं पहुंचे थे टीचर

दिल्ली महिला आयोग ने हाल ही में एमसीडी के एक स्कूल में लड़कियों के साथ यौन शोषण के गंभीर मामले के बाद स्कूलों की सुरक्षा की जांच शुरू की थी. DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में 20-21 मई को एक टीम ने MCD के 4 स्कूलों का निरीक्षण किया था. 

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इस टीम ने अरुणा नगर के भाई मंदीप नागपाल निगम विद्यालय, केवल पार्क के निगम प्रतिभा सह शिक्षा विद्यालय, मुस्तफाबाद के पूर्वी दिल्ली नगर निगम प्रतिभा विद्यालय, संजय कॉलोनी के दक्षिण दिल्ली नगर निगम प्राथमिक सह बाल बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. 

इस टीम ने पाया कि स्कूलों की स्थिति दयनीय, असुरक्षित और चिंताजनक थी. सभी स्कूलों के गेट खुले हुए थे और स्कूलों में गार्ड भी नहीं थे. अरुणा नगर के स्कूल में नशा करने वाले लोग कई बार स्कूल परिसर में घुस जाते हैं और अधिकारियों को धमकाते हैं. केवल पार्क के स्कूल में इस्तेमाल की गई सीरिंज, ड्रग्स, सिगरेट के डिब्बे, गुटखा के रैपर और यहां तक ​​कि टूटी हुई शराब की बोतलें देखकर टीम हैरान रह गई. आयोग ने इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है.

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अधिकांश स्कूल भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त और बच्चों के लिए असुरक्षित थे. केवल पार्क में स्कूल की बिना प्लास्टर वाली इमारत, जिसमें लगभग 800 छात्रों को रखा गया था. 2018 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा एक बोर्ड लगाया गया था, जिसमें कहा गया था, “भवन के छज्जे क्षतिग्रस्त हैं, कृपया दूरी बनाए रखें." चेतावनी बोर्ड होने के बावजूद बच्चों को जोखिम में डालकर वहां पढ़ाया जा रहा है. 

फाइल फोटो

गिरी हुईं थी स्कूलों की दीवारें

अरुणा नगर के स्कूल में छत और दीवारों के हिस्से कई बार गिर चुके हैं और बच्चे और स्टाफ कई बार बाल-बाल बचे हैं. भाटी माइंस में भीषण गर्मी में बच्चे टिन शेड में बैठने को मजबूर हैं. आयोग ने यह भी पाया कि स्कूलों में एक भी सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं था. स्कूल परिसर के साथ-साथ शौचालय भी बेहद गंदे थे. कई जगहों पर फर्श पर मल-मूत्र फैला हुआ देखा गया और किसी भी शौचालय में साबुन नहीं था. भाटी माइंस के स्कूल में लड़कियों के शौचालयों पर ताला लगा हुआ था और शौचालयों में पानी का कनेक्शन नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. भाटी माइंस के स्कूल में यह देखा गया कि सुबह 9 बजे लड़कियों के लिए 9 में से 3 कक्षाओं में शिक्षक नहीं पहुंचे थे. तब तक स्कूल इंचार्ज भी स्कूल में मौजूद नहीं थे. छात्रों ने बताया कि शिक्षक आमतौर पर सुबह 9 बजे के बाद स्कूल आते हैं.

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स्कूलों में नहीं मिल रहा मिड डे मील 

आयोग को बताया गया कि नगर निगम अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सुबह साढ़े सात बजे से 11 बजे तक ग्रीष्मकालीन कक्षाएं चला रहा है. बावजूद इसके किसी भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं दिया जा रहा था. अरुणा नगर के स्कूल में प्रबंधन द्वारा बताया गया कि वे उत्तरी निगम के आदेश के अनुसार, प्रति छात्र रोजाना दो केले दिए जा रहे थे, दूसरे किसी स्कूल में ऐसा नहीं किया जा रहा था. 

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स्कूलों में नहीं है पीने का पानी

आयोग ने यह भी पाया कि स्कूलों में उचित बेंच उपलब्ध नहीं थे. भाटी माइंस के स्कूल में कुछ छात्रों को डेस्क की कमी के कारण फर्श पर चटाई पर बैठने को मजबूर हैं. साथ ही, स्कूलों के अधिकांश डेस्क में लोहे की रॉड  निकली हुई थीं, जिससे बच्चे घायल हो सकते थे. आयोग ने स्कूलों में उचित पेयजल की अनुपलब्धता भी पाई. भाटी माइंस के स्कूल में केवल एक ही जगह पर पीने का पानी उपलब्ध था और वह भी बहुत गंदा था.

DCW ने MCD आयुक्त को जारी किया नोटिस

आयोग ने मामले में दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है और 2 जून तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने स्कूलों की बदहाली के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का ब्योरा भी मांगा है और नगर निगम से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, "मैं MCD स्कूलों के हालात देखकर स्तब्ध हूं. बिना सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी के स्कूल कैसे चल सकते हैं? एमसीडी ऐसे स्कूल चला रही है जहां लड़कियों को खुले में शौच के लिए मजबूर किया जाता है. यह स्थिति बहुत ही  चिंताजनक है. मैंने इस मामले में दिल्ली नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है. स्थिति में तत्काल सुधार होना चाहिए और स्कूलों की ऐसी निराशाजनक स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए." 

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