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दिल्ली महिला आयोग ने दयालपुर इलाके से एक 12 वर्षीय बच्चे का रेस्क्यू कराया. इस बच्चे से बाल मज़दूरी करवाया जा रहा था. बच्चा एक आटा चक्की में काम करता था. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि कितना दुर्भाग्यपूर्ण है की खिलौनों से खेलने की उम्र में बच्चों से इस प्रकार की बाल मजदूरी करवाई जाती है.
उन्होंने कहा कि जब हम चक्की पर पहुंचे तो हमने देखा की बच्चे को एक कमरे में टेबल के नीचे छुपा दिया गया था और उसपर झूठ बोलने का दबाव बनाया गया था. बच्चा बहुत ही सहमा और घबराया हुए था. दिल्ली महिला आयोग की मुस्तैदी की वजह से इस बच्चे का भविष्य खराब होने से बचा. मुझे उम्मीद है पुलिस मामले में एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करेगी.
दिल्ली महिला आयोग को मिली थी शिकायत
आयोग को एक अज्ञात शख्स द्वारा ईमेल के ज़रिए शिकायत मिली थी. जिसमें बताया गया की बच्चे से 12 घंटे चक्की पर काम करवाया जाता था और बदले में उसे काम के कोई पैसे भी नहीं मिलते थे.
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दिल्ली महिला आयोग की टीम ने शिकायत की पुष्टि करवाने के लिए इलाके की मुनादी करवाई और पाया की बच्चा सुबह 9 बजे से चक्की पर काम करना शुरू करता है. अध्यक्षा स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में आयोग के सदस्य शनिवार सुबह चक्की पर पहुंचे. टीम को आता देख ही चक्की के मालिक ने बच्चे को एक कमरे में टेबल के नीचे छुपा दिया.
स्वाति मलिवाल और उनकी टीम ने बच्चे को कमरे से निकाला और उसकी काउंसलिंग की. बच्चा बहुत घबराया हुआ था और उसे चक्की के मालिक ने डराकर झूठ बोलने का दबाव बनाया था. उसने बताया कि वो चक्की पे काम करता है लेकिन उसको इसके बदले में कोई मेहनताना नहीं दिया जाता है. बच्चे के हाथ पूरी तरह आटे में डूबे हुए थे और वो सुबह से भूखा था. आयोग की टीम, पुलिस के साथ मिलकर बच्चे को दयालपुर पुलिस स्टेशन लेकर गई और उसके स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए.
आयोग की अध्यक्षा स्वाति मलिवाल ने थाने के एसएचओ से भी मुलाकात की और एसएचओ से मामले में एफआईआर कर सख्त कार्रवाई करने को कहा.